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कटिहार रेल मंडल क्षेत्र में कई समस्याएं, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नजर पड़े, तो बदल जायेगी तस्वीर

कटिहार : रेल महाप्रबंधक संजीव राय तीन सितंबर को सांसदों के साथ विशेष बैठक करेंगे. बैठक में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक को स्थानीय कई समस्याओं से जूझना पड़ेगा. बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ अहमद अशफाक करीम, सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी सहित कई सांसद भाग लेंगे. कटिहार के दोनों सांसद के द्वारा बैठक में कटिहार […]

कटिहार : रेल महाप्रबंधक संजीव राय तीन सितंबर को सांसदों के साथ विशेष बैठक करेंगे. बैठक में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक को स्थानीय कई समस्याओं से जूझना पड़ेगा. बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ अहमद अशफाक करीम, सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी सहित कई सांसद भाग लेंगे. कटिहार के दोनों सांसद के द्वारा बैठक में कटिहार रेल क्षेत्र की समस्याओं को उठाये जाने की संभावना है.

सांसद डॉ अहमद अशफाक करीम ने गत वर्ष 26 सितंबर 2018 को भी कई मामले को उठाया था. लेकिन ये मामले आज तक कागज कलम तक ही सीमित रह गये. धरातल पर रेल प्रशासन के द्वारा अमलीजामा नहीं पहनाया गया. जिसको लेकर पुरानी मांग के साथ-साथ नई मांग को भी सांसद डॉ करीम के द्वारा इस बैठक में उठाया जायेगा.
लंबी दूरी की ट्रेन में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने, एसी-टू एवं थ्री में गुणवत्तापूर्ण भोजन के साथ-साथ साफ-सफाई को नियमित रूप से करने, गौशाला एवं भगवान चौक रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनाने, आरओबी प्लेटफार्म संख्या 4,5,6,7 पर शौचालय का निर्माण करने, कटिहार-बारसोई, कटिहार- मनिहारी रेलवे स्टेशन के सभी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म की लंबाई के अनुसार शेड का निर्माण करने, ट्रेन में चादर एवं कंबल की गुणवत्ता बढ़ाने, सीमांचल एक्सप्रेस समय सारणी के अनुसार परिचालन करने, कटिहार टर्मिनल पर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने, गौशाला रेलवे ब्रिज का निर्माण करने, बारसोई रेलवे स्टेशन को मॉडल बिल्डिंग बनाने की मांग किया गया था.
लेकिन इस दिशा में एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक के द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया. फिर तीन सितंबर को डीआरएम बिल्डिंग परिसर के सभागार में महाप्रबंधक के द्वारा एक दर्जन सांसद के साथ बैठक करेंगे. रेल प्रशासन के द्वारा तैयारी पूरी कर लिया गया है.
कहते हैं जनसंपर्क पदाधिकारी : पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के जनसंपर्क पदाधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि तीन सितम्बर को ट्रेन संख्या 13281 न्यू तिनसुकिया-राजेन्द्रनगर एक्सप्रेस से महाप्रबंधक कटिहार पहुंचेंगे. डीआरएम बिल्डिंग सभागार में लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों के साथ बैठक करेंगे.
दूसरे दिन ट्रेन संख्या 12424 राजधानी एक्सप्रेस से कटिहार रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करेंगे. जनसम्पर्क पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में सांसद के अलावा पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के एजीएम, महाप्रबंधक के सचिव, सभी डीआरएम, सीपीटीएम सहित विभागीय उच्चाधिकारी शामिल रहेंगे.
महाप्रबंधक की घोषणा पर नहीं हुआ अमल : तीन माह पूर्व पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक संजीव राय ने निरीक्षण के दौरान घोषणा की थी कि एक सप्ताह के अंदर ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा, लेकिन अभी तक धरातल पर ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. जीआरपी चौक की ओर से ओवरब्रिज के दोनों किनारों पर अतिक्रमणकारियों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है.
इसके बावजूद रेल प्रशासन के द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. ओवरब्रिज का निर्माण 50 वर्ष पूर्व किया गया था. ओवरब्रिज के पूर्वी एवं पश्चिमी भाग रैनकट होने के कारण जगह-जगह सुरंग बन चुका है. लेकिन पथ निर्माण विभाग द्वारा बने सुरंग पर कंक्रीट डालकर काम चलाया जा रहा है. इसके अलावा कई अन्य समस्याएं मुंह बाये खड़ी है.
रेलवे कॉलोनी की सड़कें हैं जर्जर
रेलवे कॉलोनी का सड़क अति जर्जर हो जाने के कारण सड़क पर पैदल चलना दूभर हो गया है. बरसात के मौसम में रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारियों को आवास से निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में कर्मचारी के छोटे-छोटे बच्चे जिस स्कूल जाने से वंचित रह रहे हैं. अधिकांश सड़क पिछले कई वर्षों से अति जर्जर होकर टूट चुका है.
जिसके कारण इन सड़कों पर छोटी वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है. रेल कर्मचारी के द्वारा संबंधित अधिकारी को कई बार इस दिशा में ध्यान आकृष्ट कराया गया है. लेकिन रेल प्रशासन के द्वारा इस दिशा में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. जिससे रेल कर्मचारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
फुट ओवर ब्रिज निर्माण में विलंब
संग्राम चौक से विभिन्न प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य ठेकेदार के द्वारा काफी धीमी गति से किया जा रहा है. जिसके कारण यात्रियों को विभिन्न रेलवे प्लेटफार्म पर आने जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले कई वर्षों से यह फुटओवर ब्रिज अति जर्जर होकर टूटना प्रारंभ हो गया था. स्थिति की नाजुकता को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक संजीव राय के निर्देश पर नये सिरे से नये ओवर ब्रिज ओवर फुट ब्रिज निर्माण करने का निर्देश दिया गया. निर्माण कार्य तो प्रारंभ हो गया है. लेकिन ठेकेदार की उदासीनता के कारण काफी धीमी गति से निर्माण कार्य चल रहा है.
रेल क्वार्टर रहने लायक नहीं
रेलवे क्वार्टर भवन जर्जर हो जाने के कारण बरसात के मौसम में अधिकांश क्वार्टर का छत से पानी टपकना आम बात हो गया है. जिसके कारण रेल कर्मचारी को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे क्वार्टर की छत से लेकर दीवाल तक, शौचालय से लेकर बाथरूम तक हर मौसम में कष्टकारी साबित हो रहा है. शौचालय के टंकी को नियमित रूप से खाली नहीं कराया जा रहा है. जिसके कारण रेल कर्मचारी को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
रेल अस्पताल में चिकित्सक कम
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अस्पताल में चिकित्सक एवं कर्मचारी की कमी रहने के कारण रेलवे कर्मचारी का उचित इलाज नहीं हो रहा है. रेलवे अस्पताल में व्यवस्था का घोर अभाव है. रेलवे अस्पताल में दवाई से लेकर सभी प्रकार की जांच मरीज को बाजार से करना पड़ता है.
रेलवे अस्पताल सही ढंग से इलाज नहीं होने के कारण अधिकांश रेल कर्मचारी दूसरे शहरों में इलाज करना बेहतर महसूस करते हैं. इम्प्लाइज यूनियन के द्वारा कई बार रेलवे अस्पताल का घेराव कर आंदोलन को तेज भी किया गया. इसके बावजूद भी सुविधा में बढ़ोतरी नहीं हुई है.
एक्सलेटर निर्माण की गति धीमी
कटिहार प्लेटफार्म संख्या एक पर पिछले चार माह से निर्माणाधीन एक्सलेटर कार्य का भी निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चलने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. रेल प्रशासन को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
ठेकेदार की लापरवाही के कारण एक्सलेटर निर्माण कार्य नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है. पिछले एक सप्ताह से निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है. नियमित रूप से निर्माण कार्य नहीं होने के कारण प्लेटफार्म संख्या एक पर यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
रेलवे गुमटी पर नहीं बना आरओबी
शहर के गौशाला एवं भगवान चौक रेलवे गुमटी पर आरओबी बनाने की मांग वर्षों से होती रही है. कई बार तो रेल प्रशासन व सरकार की ओर से इन स्थानों पर आरओबी की स्वीकृति की बात भी सुर्खियों में रही है. खासकर जब जब चुनाव का समय आता रहा है. तब तक यह बात सुर्खियों में आती रही है. पर अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुयी है.
यह उल्लेखनीय है कि गौशाला, भगवान चौक, बैगना, मोगरा आदि रेलवे गुमटी पर आरओबी नहीं बनने से घंटो जाम की स्थिति बनी रहती है. रेलवे गुमटी बंद रहने से वाहनों की लंबी कतार घंटों तक जाम की स्थिति पैदा कर देती है. बुधवार को सांसदों की बैठक में इस पर भी चर्चा होगी. ऐसी उम्मीद शहरवासियों को है.
यात्री सुविधाओं का घोर अभाव
विभिन्न क्षेत्रों में रेलवे अलग अलग तरीके से विकास कर रही है. समय-समय पर रेलवे इसका दावा भी करती है. पर कटिहार रेल मंडल के यात्रियों को जिस तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए. वैसी सुविधाएं नहीं मिलती है. कटिहार में अब तक स्वचालित सीढ़ी अस्तित्व में नहीं आ सका है.
जबकि रेल मंडल अंतर्गत न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर वर्षों पहले से स्वचालित सीढ़ी काम कर रही है. मानक के अनुरूप यात्री सुविधा का अभाव है. एक्सप्रेस, पैसेंजर के कोच में साफ सफाई, पंखा व अन्य सुविधाएं बेहतर नहीं होने से यात्रियों को परेशानी होती है.
दिनों-दिन यात्रियों की संख्या में हो रही है वृद्धि, पर सुविधाओं में होती जा रही है कटौती
कटिहार कभी देश के महत्वपूर्ण रेल मंडल में शुमार हुआ करता था. कटिहार जंक्शन पूर्वोत्तर भारत का मुख्य द्वार के रूप में जाना जाता है. पर दो दशक पूर्व तक कटिहार जंक्शन व कटिहार रेल मंडल की जो स्थिति थी. उसमें काफी कटौती की गयी है. पिछले करीब 20 वर्षों से लगातार कटिहार रेलवे क्षेत्र पिछड़ता गया है. कटिहार से विभिन्न क्षेत्रों की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों का विस्तार विभिन्न स्टेशनों तक कर दिया गया.
कटिहार स्टेशन से एकमात्र ट्रेन अम्रपाली एक्सप्रेस अमृतसर तक जाती है. जबकि अधिकांश लंबी दूरी की ट्रेनों का विस्तार हुआ है. साथ ही यात्री सुविधाओं में भी लगातार कटौती होती रही है. लंबे समय से स्वचालित सीढ़ी की मांग होती रही तथा इसकी घोषणा भी रेल प्रशासन की ओर से की जाती रही है. पर अब तक स्वचालित सीढ़ी अस्तित्व में नहीं आया है. जबकि इसी रेल मंडल के अंतर्गत न्यू जलपाईगुड़ी स्वचालित सीढ़ी वर्षों से काम कर रही है.
इसी तरह अन्य तरह की सुविधाओं की भी कटौती होती रही है. कटिहार रेल मंडल राजस्व देने में भी काफी आगे रहती है. पर सुविधाओं के नाम पर इस तरह की व्यवस्था नहीं मिलती. हमेशा ही यह राजनीतिक उपेक्षा का शिकार रहा है. ऐसे में बुधवार को होने वाले सांसदों की मीटिंग से लोगों को उम्मीद जगी है कि कटिहार को रेलवे के मामले में कुछ फायदा मिलेगा.

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