मामला बाल श्रमिक शिक्षिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का
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डीएम को सौंप दी जांच रिपोर्ट, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई
मामला बाल श्रमिक शिक्षिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का शिकायत पर डीएम ने परियोजना पदाधिकारी को जांच करने का दिया था निर्देश कटिहार : बाल श्रमिक शिक्षिका को प्रताड़ित करने के मामले में शिकायत के लगभग 15 दिनों बाद भी जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए है. बता दें कि […]
शिकायत पर डीएम ने परियोजना पदाधिकारी को जांच करने का दिया था निर्देश
कटिहार : बाल श्रमिक शिक्षिका को प्रताड़ित करने के मामले में शिकायत के लगभग 15 दिनों बाद भी जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए है. बता दें कि नियुक्त पत्र की मांग किये जाने को लेकर राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना समिति कटिहार के पर्यवेक्षक संजीव सिंह व पीड़िता के बीच हुई वार्ता का ऑडियो व वीिडयो वायरल हुआ था. उसमें राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना समिति कटिहार का क्षेत्रीय पर्यवेक्षक उक्त शिक्षिका से आपत्तिजनक तरीके से बात कर रहा है.
पीड़िता का कहना है कि पर्यवेक्षक अक्सर उसके घर में रात में पहुंचता है तथा शिक्षिका से गेट खोलने को कहता है. आरोपित से बातचीत का एक ऑडियो भी पीड़िता ने वायरल किया है. इधर, पीड़िता की शिकायत पर डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए परियोजना निदेशक को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि वह बाल श्रमिक शिक्षिका के पद पर एक स्कूल में एक अप्रैल, 2016 से पदस्थापित है.
इस मद में उसे छह माह का एक मुश्त मानदेय का भुगतान भी किया गया, जबकि शेष बाल शिक्षकों को एक वर्ष के मानदेय का भुगतान किया गया था. इसकी कई बार शिकायत पर्यवेक्षक संजीव सिंह से भी की, लेकिन वे राशि आवंटित नहीं होने की बात कह कर टालते रहे. अंतत: एक दिन पीड़ित शिक्षिका ने पर्यवेक्षक संजीव से कहा कि उसका नियुक्ति पत्र तो दे दें, तो वह टालता रहा. जब पीड़ित शिक्षिका ने नियुक्ति पत्र के लिए जिद पकड़ा, तो पर्यवेक्षक संजीव ने उसे तीन से चार नियुक्ति पत्र दिया, जो गलत निकला. इसकी जब उसने डीएम से मिलकर शिकायत करने की बात कही, तो उसने कहा कि जहां जाना है जाओ. अगर शिकायत करोगी तो तुम्हारा खैर नहीं. तुम्हारे पति के साथ जो होगा वह तो वह होगा ही, लेकिन तुम्हारे बच्चे का भी अपहरण करवा दूंगा.
कहते हैं परियोजना पदाधिकारी
इस संदर्भ में परियोजना पदाधिकारी फैय्याज अख्तर ने कहा कि जांच रिर्पोट डीएम को सौंपी दी गयी है. डीएम ही जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगी. वहीं इस संदर्भ में डीएम पूनम से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया.
डीएम से मिलने नहीं दिया जाता था पीड़िता को
पीड़िता ने बताया कि वह छह माह से डीएम से मिलने का प्रयास कर रही थी, लेकिन जब भी वह डीएम के कार्यालय पहुंचती, उसे डीएम से मिलने नहीं दिया जाता था. अंतत: उसने पर्यवेक्षक संजीव के चंगुल से निकलने के लिए वीडियो व ऑडियो वायरल करने की सोची, ताकि उसे इंसाफ मिल सके. पीड़िता ने अपने और पर्यवेक्षक के बीच तकरीबन पांच मिनट तक हुई बातचीत का एक ऑडियो वायरल किया तथा अपनी आपबीती डीएम तक पहुंचाने के लिए एक वीडियो बनाया. इसमें अपनी सभी बातों को रखते हुए उसने डीएम से न्याय की गुहार लगायी. वायरल ऑडियो में आरोपित पर्यवेक्षक स्पष्ट कह रहा है कि क्या हाल समाचार है मैडम जी. इस पर कई मिनट तक दोनों में बहस होती है. जिसमें पीड़ित शिक्षिका गलत नियुक्ति पत्र देने की बात बार बार कहती है. पर्यवेक्षक नौकरी की बात को फिलहाल भूल जाने की बात कहते हुए कहता है कि मैं तुम्हारे घर आ रहा हूं, गेट खोला. इस पर पीड़िता कहती है कि रात के दस बजे आप मेरे घर क्यों आएंगे, तो पर्यवेक्षक कहता है कि भूख लगी है खाऊंगा. वह दस मिनट में उसके दरवाजे पर पहुंचने की बात कहता है और पीड़िता से आपत्तिजनक तरीके से बात करता है. इस ऑडियो व वीडियो के वायरल होते ही डीएम पूनम ने पीड़िता से आवेदन लिया तथा जांच के लिए बाल श्रमिक परियोजना पदाधिकारी फैय्याज अख्तर को निर्देश दिया.
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