भभुआ नगर.
समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों के हड़ताल पर रहने के कारण कलेक्ट्रेट, अनुमंडल, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, अंचल अधिकारी कार्यालय और प्रखंड कार्यालय सहित सभी दफ्तरों में सोमवार को कामकाज पूरी तरह ठप रहा. अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये कर्मी धरना स्थल पर दसवें दिन भी बैठे रहे और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरने पर बैठे कर्मियों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर हमलोग पिछले दो महीने से काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे थे और धरना-प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन जब सरकार ने हमारी मांग नहीं सुनी, तो हम विवश होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं.10 सूत्री लंबित मांगों को लेकर हड़ताल बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (गोप गुट) के प्रांतीय आह्वान पर समाहरणालय संवर्ग के लिपिक 10 दिनों से अपनी 10 सूत्री लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उनकी प्रमुख मांगों में योग्यता एवं वरीयता के आधार पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदों पर 25 प्रतिशत पद आरक्षित करना, एनपीएस/यूपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करना, समाहरणालय कर्मियों के लिए 50 लाख तक दुर्घटना बीमा योजना लागू करना, अराजपत्रित कर्मियों को राज्यस्तरीय संवर्ग से मुक्त रखना, वेतन वृद्धि हेतु विभागीय परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करना, केंद्र सरकार के अनुरूप बोनस भुगतान करना सहित अन्य मांगें शामिल हैं. हड़ताल के कारण जिले के सभी कार्यालयों में कामकाज ठप हो गया और पहले भभुआ शहर में संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला गया. धरने की अध्यक्षता संघ के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने की और संचालन अर्जुन पासवान ने किया. मौके पर प्रधान लिपिक मनोज कुमार, अजय कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, सत्येंद्र कुमार, प्रशांत, मनोज मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, जयप्रकाश खरवार, सत्येंद्र कुमार, शशि भूषण द्विवेदी, अयूब अंसारी सहित कई अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

