भभुआ नगर… जिला पदाधिकारी सुनील कुमार ने रविवार को अधौरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सह वनवासी सेवा केंद्र में स्थित अनुसंधान फार्म, प्रशिक्षण हॉल, महिला कृषकों के लिए आयोजित कार्यक्रम, डेयरी व बागवानी इकाइयों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के उपरांत जिला पदाधिकारी ने कहा कि केवीके और वनवासी सेवा केंद्र जैसी संस्थाएं ग्रामीण परिवर्तन की रीढ़ हैं. इनका योगदान न केवल कृषि क्षेत्र में है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और आत्मनिर्भरता में भी है. साथ ही कहा कि यह केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कार्यरत अग्रणी संस्थानों में से एक है. इसका संचालन और प्रबंधन प्रसिद्ध गैर-सरकारी संगठन वनवासी सेवा केंद्र द्वारा किया जाता है. जिला पदाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान संस्थान के कार्यों, उपलब्ध संसाधनों और ग्रामीण तथा आदिवासी समुदाय के लिए चल रहे कार्यक्रमों की सराहना की. गौरतलब है कि कृषि विज्ञान केंद्र कैमूर, किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से परिचित कराने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा पोषण व खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु कार्यरत है. संस्थान स्थानीय जलवायु, मिट्टी, संसाधन और ग्रामीण आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि समाधान प्रदान करता है. इसके माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन, प्रयोगात्मक परीक्षण और फील्ड विजिट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी दी जाती है. = 1968 में की थी वनवासी सेवा केंद्र की की स्थापना गौरतलब है कि वनवासी सेवा केंद्र की स्थापना 1968 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से की गयी थी. यह संगठन कैमूर के सुदूरवर्ती व पिछड़े वनवासी व आदिवासी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु समर्पित है. वनवासी सेवा केंद्र विगत चार दशकों से आदिवासी क्षेत्रों में कृषि, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वच्छता, सिंचाई, जल प्रबंधन और स्वावलंबन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है. संस्था का उद्देश्य स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग द्वारा आदर्श, आत्मनिर्भर ग्रामों का निर्माण करना है. =जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केंद्र सह वनवासी केंद्र अधौरा का किया निरीक्षण
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