भभुआ. मोहनिया प्रखंड के बरैथा मथिया टोला पर रह रहे ग्रामीणों का हर साल बरसात में आवागमन लगभग बंद हो जाता है. गत विधानसभा चुनाव में टोले के ग्रामीणों ने मतदान का भी बहिष्कार किया था. लेकिन, मोहनिया विधायक के रोड बनवाने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने फिर अपना मतदान किया. इधर, इस संबंध में बरैथा मथिया टोला पर रहने वाले दीपक प्रजापति, अरूण कुमार, अभिषेक पटेल आदि ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से आज तक बैरथ मथिया टोला पर सरकार रोड नहीं बनवा सकी है. जबकि, मुख्यमंत्री टोला सड़क योजना से लेकर कई विभागों से सरकार रोड बनवाने का प्रतिदिन एलान करती है. लेकिन, हम लोगों के दर्द को कोई समझने वाला नहीं है. जबकि, सड़क की मांग को लेकर हम लोग पंचायती राज से लेकर विधायक सहित कई नेताओं से गुहार लगा चुके. लेकिन, सिर्फ बनने का आश्वासन मिला, रोड आज तक नहीं बन सकी. ग्रामीणों ने बताया कि गत विधानसभा चुनाव में हमलोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था. तब मोहनिया से विधानसभा का चुनाव लड रही संगीता कुमारी ने जितने के बाद पक्की रोड बनवाने का वादा किया था. लेकिन, अब पांच साल बीतने को है अगला चुनाव भी होने वाला है. पर, आज तक मोहनिया विधायक रोड नहीं बनवा सकी. ग्रामीणों ने बताया कि अब इसे लेकर जिला प्रशासन को भी एक दिन पहले आवेदन दिया गया है कि हमलोगों के टोला तक जाने के लिए सड़क बनवाने की कृपा की जाये. ग्रामीणों ने बताया कि चौरसिया मेन रोड से दक्षिण बरैथा गांव तक तो सड़क गयी है, पर मेन रोड से बरैथा मथिया टोला तक जाने के लिए सरकारी छवरा जो अब अतिक्रमण के कारण लाठ हो गया है, यही आवागमन का मुख्य साधन है. गर्मी और ठंड में तो किसी तरह लोग मुख्य पथ तक पहुंच जाते हैं. लेकिन, बरसात में चारों तरफ पानी लग जाने से इस लाठ पर चलना भी मुश्किल हो जाता है. बच्चे साइकिल सहित गिर जाते हैं. रात में किसी की तबीयत बिगड़ी तो किसी भी साधन से मरीज को अस्पताल तक ले जाना मुश्किल हो जाता है. मरीज रात भर छटपटाते रहते हैं. अगर भारी बरसात हो गयी तो मरीज को ले जाने के लिए खटिया ही एक सहारा बच जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस टोले पर लगभग 60-70 घरों की आबादी है. लेकिन, इस आबादी को आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार आज तक सड़क उपलब्ध नहीं करा सकी है.
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