भभुआ सदर. मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के महापर्व चैत्र नवरात्र में अब मात्र एक सप्ताह ही शेष बचा हैं. इस बार चैत्र नवरात्र 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और छह अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जायेगा. इस बार नवरात्र आठ दिन की है, क्योंकि इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ रही है. पंचमी तिथि के क्षय होने के कारण इस बार नवरात्र आठ दिनों की होगी. इन आठ दिनों में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की भक्त पूजा-अर्चना करेंगे. दो अप्रैल दिन बुधवार को चौथी और पंचमी की पूजा होगी. सृष्टि का चक्र चलाने वाली आदिशक्ति मां शेरावाली इस वर्ष हाथी पर सवार होकर आयेंगी और हाथी पर ही बैठकर प्रस्थान करेंगी. वहीं, 30 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि के संबंध में पंडित हरिशंकर तिवारी ने बताया है कि हर वर्ष चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है, जिसमें से दो प्रकट नवरात्र होते हैं, जिन्हें चैत्र और शारदीय नवरात्र के रूप में जाना जाता है. वहीं, माघ और आषाढ़ महीने में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. नवरात्र का आठवां व नौवां दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इन दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन का विधान है. इस साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होने जा रही है. सर्वार्थ सिद्धि योग में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक और घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. दरअसल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इसी दिन से भारतीय नववर्ष शुरू होता है. इसलिए चैत्र नवरात्रि को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है. = आठ दिनों का होगा इस बार का चैत्र नवरात्र पंडित हरिशंकर तिवारी के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्र की महाष्टमी और महानवमी का संयोग देखने को मिल रहा है, क्योंकि इस बार पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है. ऐसे में 8 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जायेगी. इस प्रकार पांच अप्रैल को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि का पूजन किया जायेगा और इसी दिन पर कन्या पूजन भी किया जायेगा. इसी के साथ अगले दिन यानी छह अप्रैल को चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि का पूजन और रामनवमी का पर्व मनाया जायेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार कई बार कोई तिथि 24 घंटे से अधिक तो कोई तिथि 12 घंटे से कम हो जाती है. नवरात्रि पर अगर तिथियां बढ़ती तो नवरात्रि 9 दिनों के बजाय 10 दिनों तक हो सकती है और जब तिथि घट या लोप होती है, तो नवरात्रि आठ दिनों की भी हो सकती है. = चैत्र नवरात्र को लेकर घर-घर होने लगी तैयारी इधर, चैत्र नवरात्र को लेकर घर घर तैयारी जोरों पर है. लोगों द्वारा मनोकामना पूर्ति, स्वास्थ, रोग मुक्त जीवन और मंगलमयी जीवन की कामना लिए अलग-अलग देवालयों में पर्व पर आस्था के दीप जलाये जायेंगे. चैत्र नवरात्र की तैयारियों को लेकर शहर के बाजार भी सजने लगे हैं. भक्त माता के शृंगार के लिए चुनरी, मुकुट आदि खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं. इसी के साथ कई भक्त माता की भक्ति नवरात्र में व्रत रखकर करते हैं, जिसमें वे एक समय फलाहार लेते हैं. इसके लिए बाजार में तरह तरह के फलाहारी सामग्री उपलब्ध हो गये हैं. वहीं, पंडित हरिशंकर तिवारी के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत उत्तम रहता है, इसमें पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी पूजा, तृतीय मां चन्द्रघंटा पूजा, चतुर्थी मां कूष्मांडा पूजा, पंचमी को मां स्कंदमाता पूजा, षष्ठी को मां कात्यायनी पूजा, सप्तमी को मां कालरात्रि पूजा, अष्टमी को मां महागौरी और नवमी रामनवमी में मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजन का विधान शास्त्रों में बताया गया है.
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