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kaimur News : कोई मातृत्व, तो कोई उच्च शिक्षा को लेकर छुट्टी पर, 14 एसीएचसी में डॉक्टर नहीं

अनदेखी. जिले के अधिकतर एसीएचसी में डॉक्टर की कमी, मरीजों को इलाज में दिक्कत,बेहतर इलाज के लिए मुख्यालय व प्रखंड का चक्कर लगा रहे मरीज

भभुआ सदर. जिले में स्थापित 14 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (एसीएचसी) पर डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद मरीजों को इलाज में भारी परेशानी हो रही है. अधिकतर एसीएचसी जीएनएम व एएनएम के भरोसे संचालित हो रहे है़ं क्योंकि, इन एसीएचसी पर तैनात डॉक्टर या तो प्रतिनियुक्ति पर सीएचसी का प्रभार लिए हुए हैं या फिर मातृत्व व उच्च शिक्षा को लेकर अवकाश पर हैं. दरअसल जिले के 14 ऐसे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां फिलहाल एक भी डॉक्टर ड्यूटी नहीं कर रहें और गायब हैं. इन अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा जीएनएम या एएनएम संभाल रही हैं. लेकिन, डॉक्टरों के अभाव में चिकित्सकीय जांच व इलाज प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा यहां संस्थागत प्रसव के भी कार्य प्रभावित हो रहे हैं. डॉक्टर के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. मरीजों को पीएचसी या सदर अस्पताल जाना पड़ रहा है. जिले के मोहनियां के बम्हौर, बहुआरा, बढ़ुपर, कुदरा के नटेया, बसही, घटांव, भभुआ के बिठवार, सोनहन, मनिहारी, नुआंव के दुमदुमा, भगवानपुर, दुर्गावती के धनेछा, चेहरियां, चैनपुर के गोविंदपुर व अधौरा के चैनपुरा में डॉक्टर नहीं हैं. जबकि कुढ़नी में डॉ मनोज प्रभाकर, डॉ संदीप कुमार सेवा दे रहे हैं. लेकिन यहां आयुष डॉक्टर नहीं हैं. जबकि, कटराकला में डॉ जुबेरिया समर समीरा, चांद के पाढ़ी में डॉ संजय कुमार, खरिगावां में डॉ सुशील कुमार सिंह व बखारी देवी एसीएचसी में डॉ अनिल कुमार सिंह, रामपुर के ठकुरहट में डॉ चंदन कुमार कार्यरत हैं. इन चिकित्सकों में से कुछ संबंधित प्रखंड के पीएचसी में सेवा दे रहे हैं. हालांकि, सरकार ने कई एसीएचसी में चिकित्सकों को पदस्थापित किया है. लेकिन, कुछ उच्च शिक्षा प्राप्त करने को लेकर, तो कोई मातृत्व अवकाश में रहने के कारण छुट्टी पर है. स्वास्थ्य विभाग ने उन एसीएचसी की सूची मुख्यालय को भेजी है, जहां चिकित्सक नहीं हैं. लेकिन, अभी तक चिकित्सक को पदस्थापित नहीं किया जा सका है. इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को स्वास्थ्य जांच व इलाज कराने के लिए प्रखंडों में स्थित सीएचसी या सदर अस्पताल में जाना पड़ रहा है. इसके चलते ग्रामीण इलाकों के मरीजों को इलाज संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसी ने लिया अवकाश, तो किसी ने ज्वाॅइन ही नहीं किया गौरतलब है कि तैनात डॉक्टरों में कबार में पदस्थापित दोनों चिकित्सक उच्च शिक्षा प्राप्त करने गये हैं. जबकि बम्हौर एसीएचसी में पदस्थापित डॉ आशीष कुमार ज्वाॅइन ही नहीं किये. वहीं, बहुआरा में पदस्थापित डॉ रवि रौशन व डॉ. मनीष कुमार उच्च शिक्षा को लेकर अवकाश पर हैं तो कटराकला में डॉ जुबेरिया समर समीरा कार्यरत हैं. उधर, बढ़ुपर एसीएचसी में डॉ सन्या व डॉ नगमा बानो, बसही के डॉ अश्विनी तिवारी व डॉ. संग्राम सिंह, धनेछा में डॉ निधि कुमारी व डॉ राधा, ठकुरहट में डॉ रेखा रानी, चैनपुरा में डॉ कुमार अभिनव व डॉ सुलेखा स्वरूप उच्च शिक्षा प्राप्त करने को लेकर अवकाश पर चल रहे हैं. अब ऐसे में जिले के जिन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डाॅक्टर पदस्थापित नहीं हैं. वहां, काफी दिनों से जीएनएम के सहारे स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है और एसीएचसी पर आने वाले महिला व पुरुष मरीजों को जीएनएम द्वारा जांच कर इलाज किया जाता है. ऐसे मरीजों की जांच के बाद आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करायी जाती हैं. जबकि जीएनएम के परामर्श से ही गर्भवती महिलाओं की भी जांच कर आवश्यक सलाह देते हुए दवाएं भी दे दी जाती है. बगैर डॉक्टर वाले एसीएचसी की सूची भेजी गयी है मुख्यालय सीएस डॉ चंदेश्वरी रजक ने बताया कि बगैर डॉक्टर वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सूची मुख्यालय को भेजी गयी है. फिलहाल जिन एसीएचसी पर डॉक्टर नहीं हैं, वहां जीएनएम के सहारे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.

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