भभुआ नगर. मामला भभुआ प्रखंड के नराव विद्यालय का है, जहां भभुआ नगर में शिक्षकों के प्रतिनियोजन पर विभाग द्वारा पूरी पाबंदी के बावजूद जिले के कनीय अधिकारी आदेशों को दरकिनार कर प्रतिनियुक्ति का खेल जारी रखे हुए हैं. वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना कर जूनियर अधिकारी अपने तरीके से प्रखंड क्षेत्र में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर रहे हैं. हाल ही में भभुआ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने भी विभागीय नियमों और वरीय आदेश की अनदेखी कर मूल विद्यालय को छोड़कर दो शिक्षिकाओं का प्रतिनियोजन दूसरे विद्यालय में किया है. ऐसी घटनाएं केवल भभुआ प्रखंड तक सीमित नहीं हैं, जांच से अन्य प्रखंडों में भी इसी तरह के मामले उजागर हो सकते हैं. दरअसल, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भभुआ ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय नराव में कार्यरत दोनों शिक्षिका स्नेहा कुमारी व सुषमा यादव का प्रतिनियोजन कन्या मध्य विद्यालय भभुआ, वार्ड नंबर 25 में कर दिया है. इस प्रतिनियुक्ति का आदेश 22 अगस्त से 21 दिसंबर तक लागू रहेगा. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अवधि समाप्ति के बाद दोनों शिक्षिकाएं अपने मूल विद्यालय में लौटकर योगदान देंगी, वहीं प्रतिनियुक्ति विद्यालय में समय से योगदान और इ-शिक्षा कोष पर मार्क ऑन ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करना होगा. उनका वेतन भुगतान भी मूल विद्यालय से ही होगा. सेटिंग-गेटिंग से चलती है प्रतिनियुक्ति गौर करने योग्य है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी विभागीय आदेश की अवहेलना कर, बिना कारण शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर रहे हैं. यह प्रतिनियुक्ति, अकसर ””सेटिंग-गेटिंग”” के तहत होती है, जिसमें शिक्षक और अधिकारी मिलीभगत कर अपनी सुविधा अनुसार प्रतिनियुक्ति लेते हैं. जिले में कई शिक्षक आज भी मूल विद्यालय से दूसरी जगह पर प्रतिनियुक्ति में कार्यरत हैं, जिनमें अधिकांश को प्रतिनियुक्ति का लाभ बिना उचित कारण के मिल रहा है. विभागीय आदेश के आलोक में आरडीडीइ ने ऐसी प्रतिनियुक्ति को रद्द किया है, लेकिन यह कार्रवाई भी कागजी खानापूर्ति साबित हो रही है. रद्दीकरण के बाद भी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर हैं और वरीय अधिकारियों के आदेश की लगातार अवहेलना हो रही है. विद्यालय में 380 छात्र-छात्राएं हैं नामांकित उत्क्रमित मध्य विद्यालय नराव में 380 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. विभाग के अनुसार 40 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन यहां शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति कहीं और कर देने से समस्या बढ़ गयी है. विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित कुल नौ शिक्षकों की आवश्यकता है, जबकि फिलहाल केवल पांच शिक्षक कार्यरत थे. उनमें से दो का प्रतिनियोजन दूसरी जगह हो जाने से अब सिर्फ दो शिक्षक ही 1 से 8 तक की कक्षाओं को पढ़ायेंगे. =एक क्लास में एक से चार वर्ग के छात्र जिले का अनोखा विद्यालय बन गया नराव. व्यापक बहाली के बावजूद शिक्षकों की कमी बनी हुई है. यहां एक ही शिक्षक के भरोसे वर्ग 1 से चार तक के बच्चे एक ही क्लास में पढ़ रहे हैं. प्रधानाध्यापक अजयकांत तिवारी ने बताया कि मेरे विद्यालय में छात्र अनुपात के हिसाब से शिक्षक की भारी कमी है, जिसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है. विद्यालय में फिलहाल प्रधानाध्यापक समेत दो ही शिक्षक हैं, जबकि 1 से 8 तक की कक्षाएं चलती हैं. क्या कहते हैं डीइओ जिला शिक्षा पदाधिकारी राजन कुमार ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है, तत्काल प्रभाव से दोनों शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए उन्हें मूल विद्यालय में योगदान देने के लिए आदेश दिया गया है.
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