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श्मशान घाट पर शव जलाने नहीं देने पर एसडीएम आवास के पास प्रदर्शन

दुमदुम में दाह-संस्कार करने से जमीन मालिक ने किया माना

भभुआ सदर. शहर से सटे दुमदुम में नगर पर्षद के बनाये गये शवदाह स्थल पर शनिवार की देर शाम शव नहीं जलाने देने से नाराज लोगों का गुस्सा फूट गया. आक्रोशित लोगों ने शहर स्थित एसडीएम आवास के पास सड़क पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया. इससे सड़क जाम हो गया. आक्रोशित लोगों का कहना था कि शनिवार को वार्ड संख्या 14 निवासी स्वर्गीय भोला राम के बेटे निठाऊ राम की मौत हो गयी. इसके बाद मुहल्ले के लोग शव को दाह-संस्कार के लिए देर शाम शहर से सटे दुमदुम में नगर पर्षद के बनाये गये शवदाह स्थल पर लेकर गये. लेकिन, वहां जाने के बाद जमीन मालिक गौतम सिंह नामक एक व्यक्ति ने शहर का शव यहां नहीं जलाने देने और शवदाह स्थल का मामला कोर्ट में चलने की बात कहते हुए शव जलाने से रोक दिया. इस बीच सूचना पर एसडीपीओ उमेश कुमार, नगर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार और सीओ पुरुषोत्तम कुमार मौके पर पहुंचे और शव को शवदाह स्थल पर ही दाह-संस्कार करने की बात कहते हुए समझाया. आक्रोशित लोग शवदाह स्थल पर शव जलाने की व्यवस्था करने आदि की मांग पर अड़े रहे. हालांकि, एसडीपीओ और थानाध्यक्ष के अलावा पूर्व नप उपाध्यक्ष अमजद अली के समझाने पर लोग मान गये. इसके बाद थाना अध्यक्ष और सीओ की उपस्थिति में शव को पुनः दुमदुम स्थित शवदाह स्थल पर ले जाया गया. पुलिस सुरक्षा में शव का दाह-संस्कार किया गया. पहले भी शव जलाने को लेकर लोग कर चुके हैं सड़क जाम दरअसल शहरी क्षेत्र में गरीबों को शव का दाह-संस्कार करने में अक्सर फजीहत का सामना करना पड़ता रहा है. लेकिन, इस गंभीर समस्या पर न तो नगर पर्षद को मतलब है और न ही जिला प्रशासन को. इसके चलते कभी सुवरन नदी स्थित शवदाह स्थल पर, तो कभी दुमदुम में बनाये गये शवदाह स्थल पर लाश जलाने के लिए लोगों को स्थानीय जमीन मालिकों से विवाद और विरोध का सामना करना पड़ता है. शनिवार देर शाम शव जलाने से रोकने से पूर्व नौ नवंबर 2022 को भी सुवरन नदी स्थित शवदाह स्थल पर मृत वार्ड संख्या 8 निवासी पराग मुसहर के बेटे घुरहू मुसहर का शव नहीं जलाने देने से वार्ड संख्या आठ स्थित महादलित बस्ती के लोगों ने जमकर आक्रोश जताया था और शव को सुवरन नदी के पुल पर रखकर सड़क जाम कर दिया था. उस वक्त भी प्रशासन को आगे आकर शव के साथ चलना पड़ा था, तब जाकर दुमदुम स्थित शवदाह स्थल पर शव जलाया जा सका था. नगर पर्षद ने करोडों रुपये के लागत से बनाया था श्मशान घाट गौरतलब है कि लगभग 10 साल पहले नगर पर्षद ने लगभग पांच करोड़ की लागत से सुवरन नदी के किनारे व दुमदुम गांव के समीप सरकारी भूमि पर श्मशान घाट का निर्माण कराया था. उस वक्त आबादी नही रहने के चलते लोग शव लेकर उसी रास्ते से जाते आते थे, लेकिन आबादी बढ़ने व मकान बन जाने से उक्त रास्ते को निजी बता लोगों ने घेर लिया और उधर से शव ले जाने से रोकने लगे. अब दीगर बात यह है कि जब श्मशान घाट तक जाने के लिए रास्ता ही नहीं था, तो नगर पर्षद ने उक्त जगहों पर करोडों रुपये क्यों खर्च कर दिये. लोगों का कहना था कि सरकारी राशि की बंदरबांट के लिए नप ने बिना रास्ते के ही श्मशान घाट का निर्माण करा दिया. इसके चलते लोगों को शव के दाह संस्कार में अब फजीहत झेलनी पड़ रही है और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

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