भभुआ कार्यालय. जिले में आधार कार्ड बनाने की स्थिति काफी खराब है. स्थिति यह है कि लोग आधार कार्ड बनाने के लिए प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय भभुआ पहुंच रहे हैं, लेकिन शाम को वह अपने 5 साल से 10 साल के बच्चों को बगैर आधार कार्ड बनवाये वापस लेकर लौट के लिए विवश हो रहे हैं. जिले में आधार कार्ड बनाने वाले केंद्र की संख्या की अगर बात करें तो वर्तमान में स्थिति यह हो गयी है कि जिले के कई प्रखंड में आधार कार्ड बनाने की एक भी केंद्र मौजूद नहीं है. ऐसी स्थिति में लोग दूसरे प्रखंड या जिला मुख्यालय में जाने को मजबूर है और वहां भी अत्यधिक भीड़ के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है और शाम को वह व्यक्ति निराश होकर घर लौटने को विवश है और इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है और लोग इसे लेकर काफी परेशान है. सबसे बड़ी बात कि जिले में 11 प्रखंड है और जिलेभर में मात्र नौ जगहों पर ही आधार कार्ड बनाने का केंद्र चल रहा है. जिले के भगवानपुर और कुदरा प्रखंड में एक भी आधार कार्ड बनाने का केंद्र नहीं है, जिस तरह से आज के समय में आधार कार्ड एक व्यक्ति के हर कार्य के लिए जरूरी हो गया है, वैसे में हर अभिभावक यह चाह रहा है कि उसके बच्चे के जन्म के तीन-चार साल के अंदर आवश्यक रूप से आधार कार्ड बन जाये. क्योंकि, स्कूल में नामांकन से लेकर बैंक में खाता खुलवाने के लिए हर स्थिति में आधार कार्ड आवश्यक है. ऐसी स्थिति में जब आधार कार्ड इतना आवश्यक है, तब आधार कार्ड बनवाना जिले में किसी जंग जीतने से कम नहीं है. = सबसे अधिक भगवानपुर व कुदरा के लोग परेशान आधार कार्ड बनवाने में सबसे अधिक परेशान भगवानपुर व कुदरा प्रखंड के लोग हैं. क्योंकि अन्य प्रखंडों में एक-एक केंद्र आधार कार्ड बनाने का चल रहा है, लेकिन कुदरा व भगवानपुर में एक भी आधार कार्ड का केंद्र नहीं चल रहा है. ऐसे में वहां के लोगों को या तो जिला मुख्यालय भभुआ या फिर मोहनिया जाना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि अन्य प्रखंड में एक आधार कार्ड बनाने का केंद्र है भी तो वहां पर इतनी भीड़ हो रही है कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पर पहुंच रहे हैं, लेकिन शाम तक आधार कार्ड नहीं बनने के कारण उन्हें अपने बच्चों को तपती धूप में वापस घर ले जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यही नहीं प्रतिदिन अपने गांव से प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय आने में लगने वाला खर्च आधार कार्ड के केंद्र पर पूरे दिन लाइन लगाकर खड़ा रहने में जो परेशानी और अन्य खर्च हो रहा है, वह एक अलग समस्या है. = आधार कार्ड में अगर त्रुटि हुई, तो परेशानी हो जा रही है दोगुनी आधार कार्ड नया बनवाने के साथ-साथ अगर जिनके आधार कार्ड बना है उनके जन्मतिथि या नाम में कोई गलती हो गयी है और अगर उसमें कोई सुधार करवाना है, तो उसे लेकर परेशानी और बढ़ जा रही है. लोग नाम सुधरवाने के लिए काफी परेशान है. नाम सुधरवाने के लिए कोई स्पष्ट नियम आधार कार्ड केंद्र वाले को पता नहीं होने के कारण लोग कई महीने से अपना आधार कार्ड में नाम सुधरवाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. इसमें कई महीने का समय भी लग जा रहा है. आधार कार्ड बनाने वाले केंद्र के लोग नाम सुधारने में जो भी जरूरी दस्तावेज है उसे ऑनलाइन अटैच कर रहे हैं, लेकिन दस्तावेज की कमी बात कर रिजेक्ट कर दिया जा रहा है. कौन से दस्तावेज के कारण रिजेक्ट हुआ है इसे लेकर आधार कार्ड बनाने वाले केंद्र के व्यक्ति द्वारा स्पष्ट रूप से नहीं बताये जाने के कारण कई बार केंद्र पर मारपीट व हंगामा की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है. = क्या कहते हैं लोग भगवानपुर से आये अनुज कुमार कश्यप ने कहा कि हम कई दिनों से आधार कार्ड बनवाने के लिए अपने बच्चों को लेकर भभुआ के पटेल कॉलेज के बगल में स्थित आधार कार्ड बनाने वाले केंद्र पर आ रहे हैं, लेकिन यहां भारी भीड़ के कारण हमें निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है. आधार कार्ड बनवाना हमारे लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है. = भगवानपुर के उमापुर गांव से आये रामायण बिंद बताते हैं कि वह अपने बच्चों को लेकर कई दिनों से यहां पर आधार कार्ड बनाने के लिए आ रहे हैं, लेकिन आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. काफी यहां पर भीड़ है कभी नेटवर्क नहीं काम कर रहा है तो कभी भारी भीड़ के कारण हमारी कोई सुनने वाला नहीं है. आधार कार्ड बनवाना हमारे लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. बोले उपविकास आयुक्त इसे लेकर जिले के उप विकास आयुक्त ने बताया कि अभी वर्तमान में जिले में नौ जगहों पर आधार कार्ड बनाने का केंद्र चल रहा है. निश्चित रूप से आधार कार्ड बनाने का केंद्र कम होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसे हम लोगों ने गंभीरता से लिया है और 25 और जगह पर जिले में आधार कार्ड बनाने का केंद्र खोलने के लिए हम लोगों ने प्रस्ताव भेज दिया है, बहुत जल्द 25 और जगह पर आधार कार्ड बनाने का केंद्र शुरू हो जायेगा.
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