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सदर अस्पताल में रात को डॉक्टर नहीं रहने पर परिजनों ने किया हंगामा

चार घंटे तक तड़पती रही प्रसव के लिए आयीं महिला, हंगामे के बाद विधायक से लेकर डीएस तक पहुंचा मामला, तो डॉक्टर ने आकर कर दिया रेफर

= हंगामे के बाद मामला विधायक से लेकर डीएस तक पहुंचा, तो डॉक्टर ने आकर कर दिया रेफर = डॉक्टर ने ऑक्सीजन या खून नहीं होने का हवाला दे कर दिया रेफर प्रतिनिधि, भभुआ कार्यालय सदर अस्पताल की स्थिति सुधारने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार की रात भी सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में कोई चिकित्सक नहीं रहने के कारण मरीज ने हंगामा किया. मरीज के परिजन ड्यूटी में तैनात महिला चिकित्सक को बुलाने को लेकर नर्स से लेकर वरीय अधिकारियों तक को फोन किया. लेकिन, जब किसी ने नहीं सुना, तो वह अपने मरीज की बिगड़ती स्थिति को देख विधायक सहित अन्य अधिकारियों को भी फोन किया. इसके बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सहित अन्य लोग पहुंचे, तब ड्यूटी में तैनात महिला चिकित्सक सदर अस्पताल आयी. लेकिन अस्पताल में खून या ऑक्सीजन सहित अन्य व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए ऑपरेशन नहीं करने की बात कह कार सभी मरीजों को रेफर कर दिया. इसे लेकर मरीज हंगामा करते रहे. लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी न ही उनकी पीड़ा समझी और उन्हें बाहर जाने के लिए कह दिया गया. इसके बाद इलाज करने के लिए अधिकारी व विधायक से गुहार लगाने से लेकर हंगामा करने के बाद भी मरीज के परिजन अपने मरीज को लेकर बाहर प्राइवेट अस्पताल में चले गये जहां पर उन्होंने प्रसव कराया. डॉक्टर के नहीं रहने के कारण तीन घंटे तक अस्पताल में तड़पती रही मरीज दरअसल दुर्गावती प्रखंड के कर्णपुरा पिपरा गांव से नीरज कुमार तिवारी अपनी पत्नी प्रिया कुमारी को लेकर प्रसव के लिए भभुआ सदर अस्पताल मंगलवार की रात लगभग 10 बजे आये थे. लेकिन कोई डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने के कारण चार घंटे तक प्रसून के लिए आयी महिला तड़पती रही. नर्स ने बताया कि डॉक्टर आयेंगे, तब मरीज का इलाज या ऑपरेशन होगा. प्रिया कुमारी की इलाज के लिए डॉक्टर की जरूरत है. डॉक्टर यहां नहीं है. प्रिया के पति नीरज ने महिला डॉक्टर का नंबर लेकर कई बार फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठाया गया. जब नर्स ने महिला डॉक्टर को फोन किया, तो नर्स को रेफर कर देने के लिए कहा गया. जब डॉक्टर नहीं आयी, तो नर्स कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं थी. प्रिया सहित अन्य मरीजों के परिजन डॉक्टर के नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल में रात में हंगामा करते रहे. लेकिन, उनका फरियाद कोई सुनने वाला नहीं था. प्रिया के पति नीरज ने पहले अस्पताल के अधिकारियों के नंबर पर फोन किया, लेकिन उनके द्वारा भी कोई सुनवाई नहीं की गयी, तो वह अपने क्षेत्र के रामगढ़ विधायक अशोक सिंह को सदर अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर शिकायत की. विधायक ने रात में ही अस्पताल के अधिकारियों को फोन किया. इसके बाद अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार व डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में पहुंचे उनके द्वारा फोन कर जिनकी ड्यूटी लगी थी.उक्त महिला चिकित्सक को बुलवाया गया, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ. रात के लगभग एक बजे आई महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन के लिए व्यवस्था नहीं होने का हवाला देकर प्रिया कुमारी सहित अन्य तीन प्रसव के लिए आई अन्य महिला संतरा कुमारी मोकरम रूबी कुमारी मरीचांव और कंचन कुमारी बाघिनी को रेफर कर दिया. प्रिया देवी के पति ने बताया कि हमारी पत्नी को 12 ग्राम से अधिक खून था. उसे खून की कोई कमी नहीं थी. केवल ऑपरेशन करना था. लेकिन ऑपरेशन नहीं करने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाकर हमें रात के 1 बजे रेफर कर दिया गया. रात के एक बजे हम अपनी मरीज को लेकर उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक निजी अस्पताल में आए हुए हैं, जहां बगैर खून एवं ऑक्सीजन के ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया है. अगर सदर अस्पताल में डॉक्टर नहीं है और सदर अस्पताल के अधिकारियों की बात वहां के डॉक्टर नहीं सुनते हैं, तो फिर हम लोगों को वहां पर भर्ती नहीं लेना चाहिए था. शुरू में ही रेफर कर देना चाहिए था. कम से कम हमारा समय बचता, तो हम रात में इतना परेशान नहीं होते. = क्या कहते हैं विधायक रामगढ़ के विधायक अशोक सिंह ने बताया कि हमने रात में पिपरा कर्णपुरा के चंदन तिवारी में सदर अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण उसकी पत्नी का प्रसव नहीं होने की शिकायत की थी. इसके बाद मैने डीपीएम सहित अन्य अधिकारियों से बात की. यहां तक की मरीज के परिजन के मोबाइल से महिला चिकित्सक से भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनके द्वारा बात करने से मना कर दिया गया. फिर मैं डीपीएम को रात में वहां भेजा. रात 1:00 बजे तक मैं मरीज कोई इलाज करने में लग रहा. इसके बाद मुझे फोन नहीं आया. सुबह में जानकारी हुई थी. उसे रेफर कर दिया गया. यह काफी गंभीर मामला है. इसे लेकर में डीएम से बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि ड्यूटी में जो भी तैनात डाक्टर या अन्य कर्मी है, उनकी जांच कर दोषी के ऊपर कार्रवाई की जाए. = क्या कहते हैं उपाधीक्षक उपाधीक्षक डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि उक्त मामले की सूचना मिलने पर हम रात में 1:00 बजे सदर अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टर के नहीं रहने की बात बतायी गयी बुलाए जाने पर भी नहीं आने की शिकायत की गयी है. जिसे लेकर सिविल सर्जन को रिपोर्ट किया गया है. वहीं महिला चिकित्सकों को यह पत्र भी जारी कर दिया गया है कि वह ड्यूटी के दौरान रात में सदर अस्पताल में ही मौजूद रहेंगी. = क्या कहते हैं डीएम इस तरह की घटना सदर अस्पताल में हुई है. इसकी जानकारी हमें नहीं है. इसकी जानकारी में तत्काल से विसर्जन से लेता हूं. अगर ऐसा हुआ है, तो उक्त मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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