भभुआ सदर. सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जायेगा. भाइयों की कलाई पर बहनें रखी बांधेगी और उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी. रक्षा बंधन का त्योहार नौ अगस्त को मनाया जायेगा. इसी दिन श्रवण नक्षत्र भी रहेगा. पंडित उपेंद्र तिवारी ने बताया कि इस बार वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन महीने की पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और नौ अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. रक्षा बंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा. इसलिए रक्षा बंधन का त्योहार नौ अगस्त को मनाना सही रहेगा. हालांकि आठ अगस्त को भद्रा का साया है. आठ अगस्त को भद्रा दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 9 अगस्त को देर रात एक बजकर 52 मिनट तक है. पंडित उपेंद्र तिवारी के अनुसार, नौ अगस्त को राखी बांधने का उपयुक्त समय सुबह 5 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर एक बजकर 24 मिनट तक है. पूर्णिमा तिथि नौ अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. इसके बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इसलिए नौ अगस्त दिन शनिवार को पूरे दिन रक्षा बंधन पर्व मनाया जा सकेगा.
रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. रक्षा बंधन को लेकर बाजारों में चहल पहल शुरू हो चुकी है. बाजार में राखी की दुकानें सज गयी है. सेंथेटिक राखी से लेकर सिल्वर और गोल्ड की राखी भी बाजारों में उपलब्ध हैं. हर साल एकता चौक पर दुकान लगाने वाले दुकानदार राजू कुमार ने बताया कि बाजार की अधिकतर दुकान में राखी की बिक्री शुरू हो गयी है. राखी खरीदने के लिए महिलाएं पहुंचने लगी हैं. बाजार में पांच रुपये से लेकर एक सौ रुपये तक की राखी उपलब्ध हैं. जड़ी राखी, डोरी राखी, लुंबा राखी, किड्स राखी और टाय राखी शामिल हैं. इन सभी राखियों में डोरी और जड़ी राखी की बिक्री अधिक हो रही है. इस बार रक्षा बंधन पर सोने-चांदी की राखियों की डिमांड भी बढ़ गयी है. वहीं, दूर-दराज रहने वाले भाइयों को डाक के माध्यम से राखी भेजने का काम भी किया जा रहा है.राखियों से सजी दुकानें, बाजार में छाई रौनक
रक्षा बंधन को लेकर शहर में राखियों से दुकानें सजकर तैयार हो गयी हैं. बाजारों में राखियों की दुकानों पर भीड़ दिखने लगी है. बारिश नहीं होने के बाद भी व्यापारियों के अनुसार त्योहारी रंगत नजर आने लगी है. इस बार बारिश अच्छी होने के कारण व्यापार पर इसका असर दिखाई दे रहा है. त्योहार के चलते बाजार में चहल-पहल भी बढ़ी है. शहर के एकता चौक, पश्चिम बाजार, मोहनिया रोड, कचहरी रोड, पटेल व जेपी चौक सहित अन्य बाजारों और गलियों में राखियों की दुकानें सजी हुयी हैं. वैसे घरों से बाहर नौकरी या व्यापारी पेशे से जुड़े भाइयों के लिए बहनों ने पहले ही राखी खरीद कर कूरियर द्वारा भेज दी गयी है. दरअसल हर कोई इस स्नेह की डोर पर भाई के पास या बहन के पास आकर पर्व की परंपरा एवं अपने प्रेम को जताने का मौका हाथ से नहीं जाने देता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

