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बारिश के सीजन में मियादी बुखार में लापरवाही पड़ सकती है बच्चों पर भारी

बारिश होने के साथ ही अब हर तरफ गंदे पानी का जमाव बढ़ता जा रहा है, जो अपने साथ कई जलजनित रोग भी लाता है. टाइफाइड या मियादी बुखार भी इन्हीं रोगों में से एक रोग है, जो वर्षा के कारण जमे दूषित जल और उससे पनपे साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु से फैलता है

भभुआ. बारिश होने के साथ ही अब हर तरफ गंदे पानी का जमाव बढ़ता जा रहा है, जो अपने साथ कई जलजनित रोग भी लाता है. टाइफाइड या मियादी बुखार भी इन्हीं रोगों में से एक रोग है, जो वर्षा के कारण जमे दूषित जल और उससे पनपे साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु से फैलता है. मियादी बुखार सभी उम्र में हो सकता है, किंतु इन से सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है. क्योंकि, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले कम होती है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरके चौधरी ने बताया कि मियादी बुखार एक संक्रामक रोग है, जो गंदे खाने-पीने की वस्तुओं के उपयोग से पनपता हैं. बच्चे में लगातार तेज बुखार (103-04 ) आना, कमजोरी महसूस होना, पेट में या सिर में दर्द, भूख नहीं लगना या कम लगना, त्वचा पर चकते या गुलाबी धब्बे बनना जैसे लक्षण दिखे, तो यह मियादी बुखार हो सकता है. इसमें बुखार एक सप्ताह या इससे अधिक समय के लिए रहता है. इसके दौरान बच्चा कभी-कभी बेहोश भी हो सकता है. इस बुखार में जरा भी लापरवाही इसे भयंकर रूप दे सकती है, जो बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसलिए रोग की गंभीरता को देखते हुए बिना समय बर्बाद किये चिकित्सकीय परामर्श लें और अपने बच्चे को सुरक्षित रखें. =स्वच्छता अपना कर सकते हैं रोग पर वार सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी ने बताया मियादी बुखार आने के लिए जिम्मेदार जीवाणु दूषित जल या उसके उपयोग से बने हुए भोजन तथा खुले खाने-पीने की वस्तुओं पर पनपती है तथा इससे संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग में आये वस्तुओं का किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति द्वार उपयोग करने पर उसे भी संक्रमित कर देता है. इसलिए इस संक्रमण से शिशु को बचाने के लिए आपने आसपास की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें, जलजमाव ना होने दें. खाने पीने का सामान हमेशा ढंक कर रखें. बिना ढंका या दूषित भोजन ना करें और मियादी बुखार से संक्रमित होने से अपने बच्चों को बचाएं. =बच्चों के आहार में पोषक तत्वों पर दें विशेष ध्यान शरीर निरोग और स्वस्थ रहे इसके लिए आहार की गुणवत्ता का सबसे ज्यादा योगदान है. आहार की विविधता उसमें पोषक तत्वों और एंटि-आक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाता है और हमें रोग से लड़ कर हराने की क्षमता भी देता है. इसलिए अपने नौनिहालों के भोजन में हरी सब्जियां ,मौसमी फल, दूध और दूध से बने डेयरी प्रॉडक्ट, अंडा, मांस, मछली, अंकुरित अनाज शामिल करें. मियादी बुखार में शरीर में पानी की मात्रा में कमी हो जाती है जो बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए पर्याप्त स्वच्छ जल और दूसरे प्राकृतिक पेय पदार्थों (नारियल पानी, नींबू पानी) के सेवन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त खट्टे फल (नींबू, संतरा) का सेवन करवाएं और मियादी बुखार से शिशु को मुक्त रखें.

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