भभुआ कार्यालय. महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब तक सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो सका है. सीटों के बंटवारा को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक दौड़ जारी है. सभी घटक दलों के शीर्ष नेताओं के बीच लगातार बैठक चल रही है. लेकिन, इसके बावजूद कौन कितने सीट पर और किन सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इस पर अभी तक सहमति नहीं बन पायी है. इसी बीच कैमूर जिले की चार विधानसभा सीटों में से एक भभुआ विधानसभा सीट पर वीआइपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद द्वारा सोशल मीडिया पर उन्होंने टिकट मिल जाने का दावा किया है, जिसके बाद से पूरे जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. यहां अभी सभी दलों के कार्यकर्ता व समर्थक यह जानने के लिए बेताब थे कि कैमूर जिले की चार विधानसभा सीट में कौन सी सीट महागठबंधन में शामिल किस पार्टी के खाते में गयी है, इसी बीच बाल गोविंद बिंद द्वारा स्वयं सोशल मीडिया पर यह घोषणा किया जाना कि भभुआ विधानसभा सीट से उनका टिकट फाइनल हो गया है, उनकी पार्टी वीआइपी ने उन्हें भभुआ सीट से उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद से राजद व कांग्रेस के समर्थक तक अपने अपने नेता को फोन लगाकर यह पता लगाने में जुट गये हैं कि क्या सही में भभुआ विधानसभा सीट महागठबंधन में वीआइपी पार्टी को मिल गयी है और वीआइपी पार्टी ने बाल गोविंद बिंद को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो इस पर कांग्रेस व राजद से भभुआ सीट पर टिकट के दावेदार उम्मीदवार इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं. राजद और कांग्रेस के भभुआ से टिकट के दावेदार अपने समर्थकों व लोगों को यह बता रहे हैं कि अभी तक महागठबंधन में शामिल घटक दलों में सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हुआ है, बगैर सीटों का बंटवारा फाइनल हुए यह कैसे संभव है कि भभुआ सीट से वीआइपी के बाल गोविंद बिंद का टिकट फाइनल हो जाये. वीआइपी के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद के सोशल मीडिया पर उक्त बयान को प्रेशर पॉलिटिक्स से जोड़ कर देखा जा रहा है, लोगों का कहना है कि इस तरह का बयान सोशल मीडिया पर जारी कर वीआइपी पार्टी भभुआ विधानसभा सीट पर प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है. = सीट व टिकट का बंटवारा नहीं होने से दावेदारों की अटकी है सांस महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं होने से टिकट के दावेदारों की सांस अटकी हुई है. टिकट के दावेदारों को लगातार यह डर सता रहा है कि कहीं जिस सीट पर वह पिछले कई सालों से मेहनत कर रहे हैं, वह सीट गठबंधन में शामिल अन्य घटक दल के खाते में ना चली जाये. इसके साथ ही सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं होने से जो लोग अभी एनडीए छोड़ कर महागठबंधन में शामिल हुए हैं, उन्हें भी यह डर सताने लगा है जिस सीट से चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन के जिस दल में वह शामिल हुए हैं वह सीट महागठबंधन के अन्य घटक दल के खाते में ना चली जाये. सीटों का बंटवारा अभी तक फाइनल नहीं हुआ है, ऐसे में टिकट को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म है. इन सब के बीच सोशल मीडिया पर कियेए जा रहे अलग-अलग दावे राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा दे रही है. = पिछले चुनाव में तीन सीट पर राजद व एक पर कांग्रेस लड़ी थी चुनाव वीआइपी 2020 में चुनाव पिछले विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की चार सीटों में तीन पर राजद व एक सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ी थी. पिछले विधानसभा चुनाव में वीआइपी पार्टी एनडीए में शामिल थी जब वह एनडीए में शामिल थी, तब भी वीआईपी पार्टी कैमूर जिले में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ी थी. अब वह महागठबंधन में शामिल हो गयी है. मुकेश साहनी के वीआईपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. वीआईपी पार्टी कैमूर जिले में एक सीट भभुआ या चैनपुर पर चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश कर रही है. = आज से नामांकन, पर उम्मीदवारों की नहीं हुई घोषणा दूसरे चरण के लिए आज से नामांकन शुरू हो जायेगा, लेकिन अभी तक एनडीए हो या महागठबंधन किसी द्वारा आधिकारिक रूप से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गयी है. कैमूर जिले में सिर्फ बहुजन समाज पार्टी द्वारा ही चारों सीट पर अपनी उम्मीदवारों की घोषणा की गयी है. उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने व किस सीट पर कौन पार्टी चुनाव लड़ेगी यह फाइनल नहीं होने से सभी पार्टी के टिकट के दावेदारों के साथ उनके कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति बनी है.
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