मोहनिया सदर. वन विभाग के अधिकारियों की शिथिलता से दसौंती नहर चौराहा मोहनिया-रामगढ़ पथ एनएच 319 ए से लेकर पसपिपरा के समीप मोहनिया-पटना पथ एनएच 30 को जोड़ती दुर्गावती मुख्य नहर के दोनों तरफ वन विभाग द्वारा वर्ष 2015 के आसपास लगाये गये पौधे जो आज विशालकाय पेड़ों का रूप ले चुके है, उनको रात तो दूर दिन के उजाले में लोग अवैध रूप से कटाई कर ले जा रहे हैं. हद तो तब हो जाती है जब पेड़ों को अवैध रूप से काटने की जानकारी भी विभाग के अधिकारियों को मिलती है, तो उन पेड़ों को बचाने की बजाय संबंधित अधिकारी एक दूसरे पर पाला फेंक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ ले रहे हैं, जिसका नतीजा है कि बेखौफ हो बहदुरा से लेकर अधवार के बीच धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला थमने का नामं नही ले रहा है. विगत 05 मार्च 2025 को दुर्गावती मुख्य नहर पथ के बगल लगे पेड़ की दिन के उजाले में की जा रही अवैध कटाई की सूचना डीएफओ को मिलती है, लेकिन उन्होंने इसको रोकने की दिशा में त्वरित कदम उठाने की जगह मामले को संबंधित रेंजर को बताने की बात कह अपना पीछा छुड़ा लेना ही शायद मुनासिब समझा. इसका नतीजा रहा कि वन विभाग को खुली चुनौती देते हुए बेखौफ हो कुछ लोग हरे पेड़ों को भी मौत की घाट उतार रहे है. यदि संबंधित पदाधिकारी इन वृक्षों की सुरक्षा से इसी तरह मुंह मोड़ते रहे, तो दो दशक पीछे की यादें एक फिर ताजा हो जायेंगी, जब मोहनिया- रामगढ़ पथ पर वाहनों से उतरने के बाद उक्त नहर पथ के किनारे राहगीरों को कहीं छाया तक भी नसीब हो पाती थी. क्योंकि, उक्त नहर पथ के किनारे कई किलोमीटर की दूरी के बीच पेड़ नजर तक नहीं आते थे. नहर का दोनों किनारा वीरान रहता था, इंसान तो दूर पक्षियों को भी पेड़ की छाया नसीब नहीं होती थी. वर्ष 2015 के आसपास उक्त नहर के दोनों तरफ वन विभाग द्वारा सियापोखर से लेकर पसपिपरा तक हजारों पौधों को लगवाया, जिनके तैयार होने पर उक्त नहर पथ हरियाली से गुलजार हुआ. लेकिन अब संकीर्ण मानसिकता से ग्रस्त लोग इन पेड़ों को अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए जड़ से ही काट रहे हैं. कार्रवाई नहीं होने से अवैध कटाई को बढ़ावा आपके अपने समाचार पत्र प्रभात खबर ने विगत छह मार्च को उक्त नहर पथ के किनारे लगे पेड़ की हो रही अवैध कटाई को ”””” दुर्गावती मुख्य नहर के किनारे लगे पेड़ों की दिन में हो रही अवैध कटाई ”””” नामक शीर्षक से खबर को उस तस्वीर के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसमें एक युवक बहदुरा के समीप एक बड़े पेड़ की कटाई कुल्हाड़ी से कर रहा था. लेकिन जैसे ही कैमरा चमका वह भागने लगा, इस मामले में जब डीएफओ चंचल प्रकाशम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम रेंज आफिसर से बोलते है ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी, कई दिनों तक आधा कटा पेड़ उसी तरह खड़ा रहा, लेकिन जब वन विभाग के किसी भी अधिकारी ने इसकी जांच तक करना उचित नहीं समझा तो कुछ दिन बाद उसी पेड़ को काटकर अज्ञात लोग उठा ले गये. इस बात से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि संबंधित पदाधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग व जिम्मेदार हैं. # बोलें डीएम इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी सावन कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि हम इस मामले में डीएफओ से बात करते हैं # बोलीं रेंज आफिसर इस संबंध में जब रेंज आफिसर आरती कुमारी से पूछा गया, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए अपना फोन रामगढ़ क्षेत्र के वनरक्षी रामेश्वर को थमा दिया. वनरक्षी ने भी इस मामले में अपना पीछा छुड़ाते हुये वन विभाग के वाहन चालक को मोबाइल फोन थमा दिया. इस तरह इस मामले में अधिकृत तौर पर कोई भी स्पष्ट बयान देने को तैयार नहीं हुआ. बाद में रेंज आफिसर आरती ने कहा मैं हाल ही में योगदान की हूं, मुझे क्षेत्र की जानकारी नहीं है. वहीं इस संबंध में इस संबंध में डीएफओ चंचल प्रकाशम् का पक्ष जानने के लिए उनको फोन किया गया, तो कई बार रिंग होता रहा लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
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