मोहनिया सदर. नगरवासियों को अपने घर और मोहल्ले साफ-सुथरा रखने की नसीहत देने वाला नगर प्रशासन खुद शहर में गंदगी फैलाने से तनिक भी परहेज नहीं कर रहा है. एनएच 319ए के किनारे डड़वा स्थित वीरान पड़े मछली बिक्री केंद्र के सामने शहर का कूड़ा-कचरा डंप किया जा रहा है. इससे आसपास गंदगी का अंबार लग गया है. जिस स्थान पर कचरा गिराया जा रहा है, उसके ठीक सामने और बगल में घनी आबादी है. यहां दो विद्यालय भी अवस्थित हैं. नगर प्रशासन की इस लापरवाही से क्षेत्र में कभी भी संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है. बरसात के कारण स्थिति और नारकीय हो गयी है. वैसे भी बरसात का मौसम संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है. गंदगी वाले इस स्थल से महज 40 मीटर की दूरी पर अनुमंडलीय फायर ब्रिगेड कार्यालय है, जहां दिन-रात अधिकारी व जवान मौजूद रहते हैं. वहीं, कचरे से उठने वाली दुर्गंध से स्थानीय लोगों और गुजरने वालों का जीना मुश्किल हो गया है. पंचायतों में अपशिष्ट इकाई, शहर में क्यों नहीं गांवों को स्वच्छ रखने के लिये पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कराया गया है, लेकिन नगर क्षेत्र में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वर्ष 2012 में नगर पंचायत का गठन हुआ था. करीब 12 वर्ष गुजरने के बाद भी शहर में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना नहीं हो सकी है. नगर का कूड़ा कभी एनएच 19 के बगल एमपी कॉलेज के समीप, कभी अंवारी के पास, तो कभी डड़वा में एनएच 319ए किनारे डंप कर दिया जाता है. नगर प्रशासन ने अब तक कोई स्थायी स्थल चयन कर निस्तारण की व्यवस्था नहीं की है. 45 लाख की लागत से खरीदा संयंत्र बेकार पड़ा करीब चार वर्ष पूर्व नगर प्रशासन ने जैविक खाद तैयार करने के लिए 45 लाख रुपये की लागत से संयंत्र खरीदा था. इसकी क्षमता प्रतिदिन चार टन जैविक खाद तैयार करने की बतायी गयी थी. 09 दिसंबर 2021 को तत्कालीन बीडीओ सह प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत ने इसका स्थल निरीक्षण भी किया था और दावा किया था कि होटल-रेस्टोरेंट व सब्जी मंडी से निकलने वाले गीले कचरे से खाद तैयार कर राजस्व अर्जित किया जायेगा. लेकिन, हकीकत यह है कि लाखों रुपये खर्च कर खरीदे गये संयंत्र आज भी खुले आसमान के नीचे धूल फांक रहे हैं. वहीं, नगर प्रशासन शहर से कचरा उठाव के बाद उसे सड़क किनारे डंप कर गंदगी फैला रहा है. क्या कहते हैं इओ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सुधांशु कुमार ने बताया कि जमीन के अभाव में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण नहीं कराया जा सका है. नगर में कहीं सरकारी भूमि उपलब्ध नही है, निजी भूमि को लीज पर लेकर बनाने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है, जैविक खाद संयंत्र खरीद कर रखा हुआ है, अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई बनने के बाद उसमें शिफ्ट किया जायेगा.
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