भभुआ. जिले के आधा दजर्न पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों के खिलाफ किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान का सीएमआर का चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को नहीं दिया गया. इसे लेकर सहकारिता विभाग द्वारा इन पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों के खिलाफ लगभग ढाई करोड़ रुपये के मूल्य का चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को नहीं दिये जाने को लेकर संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. दरअसल, गत वित्तीय वर्ष में पैक्स और व्यापार मंडलों द्वारा सरकार के समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान का मिल में तैयार करा कर सीएमआर का चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को देना था. सीएमआर का चावल जमा करने की पहली अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गयी थी. उसे सरकार द्वारा बाद में बढ़ा कर 10 अगस्त कर दिया गया. बावजूद इसके जिले के 28 क्रय समितियों द्वारा 10 अगस्त तक भी बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर चावल का पूरा लॉट उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके बाद सरकार द्वारा एक और तिथि बढ़ाते हुए सीएमआर का चावल जमा करने का अंतिम अवसर तिथि 14 सितंबर तक दिया गया. बावजूद इसके जिले के छह पैक्सों द्वारा बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर का पूरा चावल नहीं जमा किया गया. – क्या कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारी इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी सह धान क्रय नोडल पदाधिकारी शशिकांत शशि ने बताया कि अधिप्राप्ति वर्ष 2024-25 में सरकार के समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल के दर से पैक्स और व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीद की गयी थी. उसका मिलिंग कराके पैक्सों को तैयार चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को देना था. लेकिन, चावल जमा करने के विस्तारित तिथि के बाद भी जिले का चैनपुर के इसियां पैक्स, मझुई तथा बढ़ौना पैक्स, भगवानपुर का रामगढ़ पैक्स, दुर्गावती का खामीदौरा, मोहनिया का बढुपर पैक्स और छांव पैक्स आदि द्वारा निगम को निर्धारित सीएमआर न देकर इन पैक्सों द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गये लगभग ढाई करोड़ रुपये मूल्य के धान का गबन कर लिया गया है. इसे लेकर संबंधित प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों द्वारा उक्त पैक्सों के अध्यक्ष और प्रबंधकों के खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

