भभुआ कार्यालय. भारत माला परियोजना बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य के लिए मुआवजा भुगतान में देरी को देखते हुए 23 जून को लगाये जा रहे मुआवजा भुगतान शिविर का किसानों ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. इसे लेकर किसान नेता विमलेश पांडेय अध्यक्ष पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने कहा बहिष्कार करने का निर्णय मोर्चा के वरीय पदाधिकारियों की सहमति से लिया गया है. उन्होंने ने कहा किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर व भारतीय किसान यूनियन कैमूर के सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय से सभी किसानों को अवगत करा दिया गया है. किसान नेताओं ने कहा जब खाते में मुआवजा की राशि डालने में समय लग रहा है, तब इस कैंप में एक दिन में मुआवजा राशि डालने की बात कहना सिर्फ छलावा है. = मुआवजा को लेकर पहले ही काम रोक चुके हैं जमीन मालिक मुआवजा भुगतान नहीं होने व विलंब के कारण पहले ही जमीन मालिक जिन पांच गांव में निर्माण कंपनी पीएनसी द्वारा काम लगाया गया था, वहां पर काम को बंद करा दिया गया है. किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि निर्माण एजेंसी हमारी जमीन पर तभी काम शुरू करें, जब वह उक्त जमीन का मुआवजा राशि किसानों के खाते में भेज दे. यह हमें स्वीकार नहीं है कि बगैर हमारे खाते में जमीन का मुआवजा राशि भेजे ही निर्माण एजेंसी काम शुरू कर दे और काम होने के बाद हम मुआवजे के लिए ऑफिस में दर-दर की ठोकर खाते रहें. = भू-अर्जन विभाग का लगाया जा रहा कैंप महज छलावा किसान नेताओं ने कैंप के बहिष्कार को लेकर लिये गये निर्णय पर कहा है कि जमीन मालिक भू अर्जन विभाग की चाल से बचें व शिविर का बहिष्कार करें. अनिल सिंह सचिव ने कहा भू अर्जन विभाग द्वारा लगाये जा रहे शिविर एक छलावा है. महीनों पहले किसानों द्वारा दिये आवेदनों के बाद भी भू अर्जन विभाग ने किसानों के खाते में मुआवजा की राशि नहीं डाल पाया है, तो शिविर में एक दिन में कैसे किसानों के खाते में पैसा डाल सकता है. उन्होंने कहा किसानों के आवेदन प्राप्त करने के लिए भू अर्जन विभाग की एक चाल है. अनिल सिंह किसानों से आग्रह किया भू अर्जन विभाग द्वारा पांच प्रखंड में लगाये जा रहे शिविर का पूरी तरह बहिष्कार करें. उन्होंने किसानों को शिविर में नहीं जाने की अपील की है. = क्या कहते हैं भूअर्जन पदाधिकारी इस संबंध में जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया किसानों की सुविधा को देखते हुए हर गांव में कैंप लगाकर मुआवजा राशि देने का फैसला लिया गया है. प्रशासन इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि किसानों को बगैर कोई परेशानी उन्हें उनके मुआवजे का भुगतान किया जा सके. इसके लिए हम लोग कैंप लगा रहे हैं, ताकि किसानों को भाग दौड़ नहीं करना पड़े. हम जमीन मालिकों से आग्रह करेंगे कि वह हमारा सहयोग करें, ताकि हम तेजी से मुआवजे का भुगतान कर सकें.
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