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अवशिष्ट भोजन या खाद्य सामग्री के कारण स्कूल में आवारा कुत्तों का लगा जमावड़ा, तो नपेंगे बीइओ व डीइओ

स्कूल-कॉलेज में आवारा कुत्तों की इंट्री पर लगी रोक, विभाग स्तर से जारी हुआ निर्देश

= मिड-डे मील से जुड़ी व्यवस्थाओं की नियमित होगी निगरानी = रसोइघर के आसपास अगर गंदगी फैली मिली, तो प्रधानाध्यापक पर होगी कार्रवाई = स्कूल-कॉलेज में आवारा कुत्तों की इंट्री पर लगी रोक, विभाग स्तर से जारी हुआ निर्देश भभुआ नगर. शिक्षा विभाग ने स्कूल और कॉलेज परिसरों में बढ़ते आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किया है. जारी निर्देशों के अनुसार अब किसी भी शैक्षणिक संस्थान के परिसर में आवारा कुत्तों की मौजूदगी पाये जाने पर प्रधानाध्यापक, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी संयुक्त रूप से जिम्मेदार माने जायेंगे. विभाग ने साफ किया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. जारी निर्देश के अनुसार यदि किसी स्कूल परिसर में अवशिष्ट भोजन, गिरी खाद्य सामग्री, अपशिष्ट जल या स्वच्छता में कमी के कारण कुत्तों का जमावड़ा पाया जाता है, तो इसे गंभीर चूक माना जायेगा. खासकर मिड-डे मील से जुड़े व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी करने के आदेश दिये गये हैं. खुले में भोजन फेंकना, बचे खाने का सुरक्षित तरीके से निबटान न करना या रसोइघर के आसपास गंदगी फैलना कुत्तों को आकर्षित कर सकता है. इसलिए सभी विद्यालयों में खाद्य अपशिष्ट का सुरक्षित और वैज्ञानिक निबटान अनिवार्य किया गया है. यदि जांच में यह कारण सामने आता है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. = डीइओ व बीइओ प्रत्येक तीन माह पर स्कूलों का करेंगे निरीक्षण विभाग ने अब निरीक्षण व्यवस्था को भी सख्त कर दिया है. विभाग स्तर से जारी निर्देश में कहा गया है कि बीइओ को हर तीन माह में अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों का निरीक्षण कर आवारा कुत्तों के नियंत्रण से जुड़े सभी बिंदुओं की रिपोर्ट तैयार करनी होगी. इसी तरह डीइओ भी प्रत्येक तीन महीने में निरीक्षण कर विस्तृत प्रतिवेदन राज्य मुख्यालय को भेजेंगे. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की त्रुटि या लापरवाही पाये जाने पर संबंधित अधिकारी जवाबदेह होंगे. साथ ही जारी निर्देश में कहा गया है कि परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित किये जायें. इसके तहत प्रत्येक माह स्कूल स्तर पर छात्रों, शिक्षकों और कर्मियों के लिए सुरक्षा सत्र होंगे. सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम में बच्चों को पशुओं के आक्रामक व्यवहार की पहचान, उनसे बचाव के तरीके और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जायेगी, ताकि बच्चे किसी भी आपात स्थिति में सचेत रह सकें. गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के इस आदेश को बच्चों की सुरक्षा और स्कूल वातावरण को सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि स्कूल-कॉलेज किस स्तर पर इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हैं और लापरवाही की स्थिति में विभाग किस प्रकार की कार्रवाई करता है. कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी राजन कुमार ने कहा विद्यालय में साफ सफाई व आवारा कुत्ते प्रवेश ना करें इसे लेकर सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी किया गया है. साथ ही सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि लगातार विद्यालयों का निरीक्षण करे व विभाग स्तर से जारी निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे.

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