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Kaimur News : अध्यापक के निलंबन से अभिभावकों में असंतोष, पहुंचे समाहरणालय

र्गावती प्रखंड की छांव पंचायत के प्राथमिक विद्यालय मधुरा में पदस्थापित शिक्षक जसिमुद्दीन को निलंबित किये जाने को लेकर अभिभावकों में असंतोष है. इसके बाद मंगलवार को छात्र व छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक महिलाएं निलंबन वापसी को लेकर डीएम को आवेदन देने के लिए जिला समाहरणालय पहुंचे थे.

भभुआ. दुर्गावती प्रखंड की छांव पंचायत के प्राथमिक विद्यालय मधुरा में पदस्थापित शिक्षक जसिमुद्दीन को निलंबित किये जाने को लेकर अभिभावकों में असंतोष है. इसके बाद मंगलवार को छात्र व छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक महिलाएं निलंबन वापसी को लेकर डीएम को आवेदन देने के लिए जिला समाहरणालय पहुंचे थे. इधर, इस संबंध में विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार, अभिभावक चंद्रमा राम, पिंकी देवी आदि ने बताया कि विद्यालय में लगभग डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. 14 फरवरी को बच्चों को खिलौना, पोशाक आदि देने को लेकर शिक्षक जसिमुद्दीन ने प्रधानाध्यापिका प्रभावती देवी से कहा कि बच्चों को ये सब उपलब्ध करा दिया जाये. इस बात पर प्रधानाध्यापिका ने कहा कि मुझे राशि कब और कैसे देनी है यह मैं जानती हूं, ज्यादा बहस मत करो. इसी बात पर दोनों लोगों के बीच विवाद बढ़ा और प्रभावती देवी ने उन्हें मारने के लिए चप्पल निकाल लिया, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया. साथ ही घटना का वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद बिना जांच किये स्कूल के शिक्षक को निलंबित कर दिया गया, जो सरासर गलत है. इधर, कक्षा पांच की छात्रा पायल कुमारी, कक्षा चार की छात्रा सुमन कुमारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका के चप्पल निकालने के बाद गुरुजी ने भी अपना जूता हाथ में उठा लिया था. लेकिन, दोनों लोगों के बीच तेज-तेज बहस हो रही थी, मारपीट नहीं हुई थी. बहरहाल, अभिभावकों का कहना था कि मधुरा प्राथमिक विद्यालय में जसिमुदीन ही मात्र ऐसे शिक्षक थे जो घर से बच्चों को बुलाकर ले जाने से लेकर छुट्टियों में भी बच्चों को पढ़ा देते थे. = बच्चों के बीमार होने पर दवा से लेकर पोषाक मरम्मत के लिए पैसे देते थे शिक्षक आक्रोशित अभिभावकों में से फूला देवी, लक्षमीना देवी आदि ने बताया कि मधुरा विद्यालय में कुल छह शिक्षक शिक्षिकाएं है, जिसमें एक शिक्षिका सहित जसमुद्दिन को छोड़कर विद्यालय में अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं अक्सर हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं. मधुरा विद्यालय के बच्चों का भविष्य पूरी तरह इन दो शिक्षकों पर है, जो नियमित होने के साथ बच्चों के पठन पाठन पर भी ध्यान रखते हैं. महिला अभिभावकों ने बताया कि मास्टर जसिमुद्दीन अभिभावकों सहित बच्चों के लिए बहुत प्रिय हैं. अगर स्कूल में बच्चे बीमार हो जायें तो अपनी जेब से पैसा देकर उनकी दवा भी कराते हैं. जूता- मोजा, पोशाक आदि फटने पर भी बच्चों को ठीक कराने के लिए पैसा देते हैं. वहीं, काॅपी- किताब के लिए अभिभावकों के पास अगर पैसा नहीं है तो उसकी भी व्यवस्था मास्टर साहेब कराते हैं. मिलाजुला कर सभी अभिभावकों का यही कहना था कि ईमानदार, नेक और कर्तव्य के प्रति जागरूक ऐसे शिक्षक को अगर विद्यालय से हटा दिया गया, तो हमारे बच्चों का भविष्य चौपट हो जायेगा.

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