कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र की कर्णपुरा पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर सात डिड़खिली बाजार में बरसात शुरू होते ही पानी निकासी की समस्या गंभीर हो गयी है. पहली बरसात में ही डिड़खिली बाजार के एक दर्जन से अधिक घरों में पानी घुस गया है, जिससे बाजार वासियों के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गयी है. इसे लेकर पूर्व में भी कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के यहां गुहार लगायी गयी है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इससे बाजार वासियों में आक्रोश व्याप्त है. दरअसल, दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र की कर्णपुरा पंचायत अंतर्गत डिड़खिली बाजार के बीच से होकर पुराना जीटी रोड गुजरता है. अब डिड़खिली बाजार के उत्तर तरफ सिक्सलेन बाइपास रोड बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक फोरलेन जीटी रोड था, तब तक बरसात का पानी टोल प्लाजा के पूरब तरफ जीटी रोड पर बने होम पाइप से उत्तर तरफ निकल जाता था, लेकिन जब से सिक्सलेन बना है. पानी निकासी की रास्ता एनएचएआइ द्वारा बंद कर दिया गया है. इसके अलावा जीटी रोड पर दो और जगहों पर भी होम पाइप डाल कर पानी की निकासी के लिए व्यवस्था बनायी गयी थी. लेकिन, सिक्सलेन बनने के बाद वह सारा रास्ता एनएचएआइ द्वारा बंद कर दिया गया है. साथ ही 9-10 वर्ष पूर्व डिड़खिली बाजार में पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण हुआ था, वह नाली भी जाम होकर ध्वस्त हो गया है. यानी हर तरह से डिड़खिली बाजार के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं रह गयी है. जबकि, यहां नाला का निर्माण होना जरूरी है. जब भी बारिश हो जा रही है, गंदा पानी बाजार के एक दर्जन से अधिक घरों में पहुंचकर जलजमाव हो जा रहा है. जलजमाव से गंभीर बीमारी होने की संभावना भी बढ़ गयी है. इसके लिए ग्रामीणों द्वारा कई बार पूर्व में बीडीओ से लेकर जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगायी गयी है. इस मामले में अधिकारियों व प्रतिनिधियों द्वारा मौके पर आकर जांच भी की गयी, आश्वासन भी दिये गये, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ. इससे अब पुनः बरसात का मौसम आते ही पहली बारिश में ही गंदा पानी कई घरों में इकट्ठा हो गया है, जिसे लेकर ग्रामीण काफी परेशान है. जबकि, एनएचएआइ का कहना है कि जहां भी स्ट्रक्चर होता है वहां हम लोग बंद नहीं करते, बल्कि उस जगह पर बनाते हैं. इधर, जलजमाव की समस्या से इंद्रदेव जायसवाल, गोपाल यादव, मुरली प्रसाद गुप्ता, प्रदीप जायसवाल, अंशु कुशवाहा, वीरेंद्र साह, ओम प्रकाश गुप्ता, नंदू कुशवाहा, विश्वकर्मा प्रसाद, संतोष जायसवाल, धनंजय यादव, राधेश्याम जायसवाल आदि कई अन्य लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. क्या कहते हैं लोग- –डिड़खिली बाजार निवासी प्रदीप जायसवाल ने बताया बरसात शुरू होते ही बाजार वासियों के लिए पानी निकासी की समस्या गंभीर हो गयी है. बाजार के कई घरों में जलजमाव हो गया है. पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से गंभीर बीमारी की संभावना को टाला नहीं जा सकता है. –डिड़खिली बाजार निवासी मुरली गुप्ता ने बताया पानी निकासी की व्यवस्था के लिए पूर्व में भी अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगायी गयी है. अधिकारी व जनप्रतिनिधियों द्वारा मौके पर आकर मुआयना भी किया गया, लेकिन अभी भी यह समस्या जस की तस बनी है. –इंद्रदेव जायसवाल ने बताया फोरलेन के समय तक बाजारवासियों के लिए पानी निकासी की समस्या खड़ी नहीं होती थी, लेकिन, सिक्सलेन बनने के बाद एनएचएआइ द्वारा पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी भी इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. –अंशु कुशवाहा ने बताया डिड़खिली बाजार के बीच से होकर पुराना जीटी रोड गुजरा हुआ है. पुराने जीटी रोड के दोनों तरफ बाजार वासियों की दुकान है, लेकिन इस बाजार के लोगों के लिए पानी निकासी को लेकर नाला निर्माण की व्यवस्था नहीं की गयी है. अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है, जिसका खामियाजा बाजार वासी भुगत रहे हैं. आखिर यहां की जनता किसके पास गुहार लगाये, यह बात समझ से परे हो गयी है. –डिड़खिली बाजार निवासी वार्ड नंबर सात के वार्ड सदस्य सह उप मुखिया संतोष कुमार गुप्ता ने बताया डिड़खिली बाजार में पानी निकासी की समस्या काफी गंभीर हो गयी है. डिड़खिली बाजार का पानी फोरलेन तक पूरब साइड में होकर होम पाइप से निकल जाता था, लेकिन सिक्सलेन बनने के बाद एनएचएआइ द्वारा पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया है. यही नहीं बाजार का पानी तीन जगहों से होकर निकलता था, सभी जगहों पर एनएचएआइ द्वारा पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया है. यहां नाला निर्माण की अति आवश्यकता है. इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा बीडीओ से लेकर जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगायी गयी है. मामले की जांच भी अधिकारी द्वारा की गयी, लेकिन अब तक इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. क्या कहते हैं एनएचएआइ के अधिकारी- इस संबंध में पूछे जाने पर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरके वर्मा ने बताया कि पहले से जहां स्ट्रक्चर होता है, वहां हम लोग जरूर बनाते हैं. हम कहीं बंद नहीं करते हैं. हमारे लेवल में अगर कोई इशू होगा तो जरूर करवायेंगे. वैसे हम अपने इंजीनियर को बोल देते हैं, वहां पर जाकर देख लेंगे. अगर हमारे हाइवे से कोई प्रॉब्लम होगा तो जरूर देखेंगे. उन्होंने बताया कि जहां बाइपास रोड बनता है, पुराना जीटी रोड स्टेट गवर्नमेंट का पार्ट होता है, वहां का कार्य स्टेट गवर्नमेंट को करना होता है और यह गाइडलाइन में है.
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