हाजिरी मॉनीटरिंग में गड़बड़ी से 1205 शिक्षक-प्रधानाध्यापक जवाब तलब के घेरे में – एचएम के पद पर चयनित हुए शिक्षकों का 14 अगस्त की संध्या किया गया था आइडी जेनरेट = बगैर जांच के ही ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं करने पर 1205 शिक्षकों से मांगा गया स्पष्टीकरण फोटो 2, शिक्षा विभाग कार्यालय. प्रतिनिधि, भभुआ नगर जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों ऑनलाइन हाजिरी मॉनीटरिंग को लेकर चर्चा में है. अधिकारियों की जल्दबाजी और गड़बड़ी के चलते कई ऐसे शिक्षकों को भी कारण बताओ नोटिस भेज दिया गया है, जिनका तबादला हो चुका है या जिन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर त्यागपत्र दे दिया है. हालात यह हो गए हैं कि बीपीएससी से चयनित नये प्रधानाध्यापकों की आइडी 14 अगस्त की संध्या में जनरेट की गयी, जबकि उसी दिन दोपहर में ही विभागीय समीक्षा बैठक कर उन्हें जवाब तलब कर दिया गया. दरअसल, इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की मॉनीटरिंग की जा रही है. हाजिरी दर्ज न करने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है और कार्रवाई तक की चेतावनी दी जा रही है. लेकिन मॉनीटरिंग की इस प्रक्रिया में भारी खामियां उभरकर सामने आयी हैं. त्यागपत्र देकर जा चुकी शिक्षिका को भी नोटिस: उदाहरणस्वरूप, चैनपुर प्रखंड के इंद्रासन प्रोजेक्ट गर्ल्स हाइस्कूल जगरिया में तैनात नम्रता कुमारी त्यागपत्र देकर उत्तर प्रदेश जा चुकी हैं. इसके बावजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) कार्यालय से उन्हें भी जवाब तलब कर दिया गया. यह सिर्फ एक मामला नहीं है. डीइओ द्वारा 1205 शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ जारी आदेश में ऐसे कई नाम शामिल हैं, जो या तो सेवा छोड़ चुके हैं या जिनका तबादला हो गया है. गौरतलब है कि डीइओ राजन कुमार ने 14 अगस्त को आदेश जारी कर चैनपुर प्रखंड के 88 शिक्षकों समेत जिलेभर के 1205 शिक्षक-प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजा. आदेश में कहा गया था कि 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं देने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. बोले अधिकारी इस मामले पर प्रभारी डीइओ सह मध्यान भोजन कार्यक्रम पदाधिकारी शंभू प्रसाद ने कहा कि जिन शिक्षकों की आइडी 14 अगस्त की शाम को ही जनरेट हुई है, वे सिर्फ जानकारी देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं. लेकिन, इसके बाद इ-शिक्षा कोष पर हाजिरी दर्ज करना अनिवार्य है, अन्यथा कार्रवाई होगी. उन्होंने यह भी कहा कि जो शिक्षक सेवा छोड़ चुके हैं या तबादला हो चुका है, ऐसे मामलों की पहचान कर अलग से कार्रवाई की जायेगी.
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