भभुआ नगर. डीएम व डीइओ साहब, थोड़ा हमारे विद्यालय की ओर भी ध्यान दीजिये, नहीं तो हमलोग कभी भी भगवान के प्यारे हो जायेंगे. अब हमलोगों को तो विद्यालय आने में भी डर लग रहा है. भय रहता है कि पढ़ने के लिए विद्यालय तो आ गये हैं, लेकिन लौट कर घर जायेंगे कि नहीं. विद्यालय की स्थिति यह है कि हम कब दुर्घटना के शिकार हो जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता. अब तो हमलोगों के माता-पिता भी विद्यालय भेजने में आनाकानी कर रहे हैं. उक्त बातें जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सदर प्रखंड के अमरहा प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने कही.साथ ही अधिकारियों से भवन मरम्मत के साथ सुरक्षित जगहों पर पढ़ाई की व्यवस्था की अपील की. दरअसल, अमरहा प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है. जर्जर भवन की छत से हर रोज प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. खास बात यह है कि जिस भवन की छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है, उसी भवन में छात्रों का वर्ग संचालन भी किया जाता है. यानी बच्चों के साथ कभी भी दुर्घटना घट सकती है. इधर, विद्यालय भवन की स्थिति इतनी जर्जर हो गयी है कि प्रतिदिन छात्रों को भय बना रहता है. प्रतिदिन वर्ग कक्ष के छत से प्लास्टर टूट कर गिरते रहता है. विद्यालय की स्थिति अब यह हो गयी है जगह जगह जंग लगे छड़ दिखने लगे हैं. इससे छात्र भी क्लासरूम में बैठकर पढ़ने में कतराने लगे हैं. गौरतलब है की सरकार द्वारा विद्यालय भवन के निर्माण व मरम्मत के लिए प्रत्येक वर्ष जिले में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है, लेकिन जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर पर स्थित प्राथमिक विद्यालय अमरहा की स्थिति यह है, तो जिला मुख्यालय से दूर स्थित विद्यालयों का क्या हाल होगा, सोचनीय विषय है. 120 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं नामांकित, पांच शिक्षक नियुक्ति अमरहा प्राथमिक विद्यालय में एक से पांच तक वर्ग का संचालन किया जाता है. विद्यालय में 120 से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित है. वहीं, छात्रों के पठन-पाठन के लिए विद्यालय में पांच शिक्षकों की भी तैनाती की गयी है. भय की साये में रहते हैं बच्चे व शिक्षक, अधिकारी बेपरवाह प्राथमिक विद्यालय अमरहा के बच्चे प्रतिदिन विद्यालय पढ़ने के लिए तो आते हैं, लेकिन पढ़कर जब तक घर नहीं पहुंच जाते, तब तक बच्चों से लेकर उनके माता-पिता भी भय की साये में रहते हैं. शिक्षक-शिक्षिकाएं भी भी भयभीत रहते हैं कि कोई घटना घटित न हो जाये. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इससे बेपरवाह हैं. वहीं, यदि किसी दिन कोई बड़ी दुर्घटना घट जाये, तो शिक्षा विभाग के अधिकारी व जिला प्रशासन की नींद खुलेगी और एक ही बात लोगों की जुबान पर होगी कि अगर पहले इस पर कोई विचार किया गया होता, तो इस तरह की दुर्घटना नहीं घटती. क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक इस संबंध में पूछै जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मृत्युंजय पाठक ने बताया कि विद्यालय की स्थिति से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को अवगत करा दिया गया है कि कभी भी विद्यालय में बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है. विद्यालय का भवन जर्जर है, लेकिन अधिकारियों द्वारा इसे लेकर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में वह नये प्रधानाध्यापक के रूप में प्रभार ग्रहण किये हैं, जबकि यह स्थिति पूर्व से ही बनी हुई है. क्या कहते हैं बोले डीपीओ इधर इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान विकास कुमार डीएन ने बताया कि विद्यालय किस स्थिति में है. इसकी इंजीनियर भेज कर जांच करायी जायेगी. जांच में अगर भवन मरम्मत लायक होगा, तो विद्यालय के भवन की मरम्मत के लिए विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
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