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डायरिया से बच्चे की मौत

डायरिया से ग्रसित 80 लोगों का चल रहा इलाज

– डायरिया से ग्रसित 80 लोगों का चल रहा इलाज चैनपुर. प्रखंड क्षेत्र की कैमूर पहाड़ी पर स्थित डुमरकोन गांव में डायरिया फैलने से एक चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. वहीं लगभग 80 की संख्या में लोग डायरिया से पीड़ित हैं, जिनका गुरुवार को बच्चे की मौत के बाद पंहुची मेडिकल टीम ने इलाज शुरू किया है. मृतक डुमरकोन गांव निवासी हरेराम यादव का इकलौता पुत्र रौशन कुमार बताया जाता है. इकलौते पुत्र की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं गांव में डायरिया फैलने से लोग दहशत में हैं. गांव पहुंचने का रास्ता कैमूर पहाड़ी पर काफी दुर्गम है. उक्त गांव में कोई चिकित्सीय व्यवस्था भी नहीं है और वहां से प्रखंड मुख्यालय भी पहुंचना लोगों के लिए काफी मुश्किल काम है. गुरुवार को जब बच्चे की मौत की सूचना मिली, तो चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल टीम डुमरकोन पहुंची और लोगों का इलाज शुरू किया गया. मेडिकल टीम की ओर से डायरिया पीड़ित 80 लोगों का इलाज गांव में किया जा रहा है. दो लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भभुआ रेफर कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार, बदलते मौसम के बीच डुमरकोन गांव में अचानक कई लोगों को उल्टी व दस्त की शिकायत हुई. लोगों ने स्थानीय दुकान से दवा ली. लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ. इधर, देखते ही देखते डायरिया कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया. दर्जनों लोग डायरिया से बीमार हो गये. बुधवार की रात तबीयत बिगड़ने के कारण हरेराम यादव के इकलौते पुत्र रोशन कुमार की मौत हो गयी. रौशन को मंगलवार से उल्टी व दस्त की शिकायत थी. उसके साथ कई अन्य बच्चों को भी उल्टी एवं दस्त की शिकायत हुई, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया. गुरुवार की सुबह जैसे ही इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली, वैसे ही तत्काल मेडिकल टीम को डुमरकोन रवाना किया गया. गांव में पहुंची मेडिकल टीम ने तत्काल लोगों का इलाज शुरू किया. इस दौरान दो लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भभुआ भेजा गया, जहां चिकित्सक की निगरानी में इलाज चल रहा है. डुमरकोन में मेडिकल टीम की ओर से डायरिया पीड़ित 80 लोगों का इलाज किया जा रहा है. # जागरूकता से बचायी जा सकती है जान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुशील सिंह ने बताया कि जागरूकता से डायरिया पीड़ितों की जान बचायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि यदि समय पर चिकित्सीय मदद मिले, तो डायरिया पीड़ितों को बचाया जा सकता है. वहीं थोड़ी सी लापरवाही बीमारी में जानलेवा साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि जैसे ही सूचना मिली कि मेडिकल टीम को तत्काल लोगों के इलाज के लिए भेजा गया. उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम की ओर से लोगों को जागरूक करते हुए डायरिया से बचाव के तरीके बताये गये. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बरसात के दिनों में पानी को गर्म करने के बाद छानकर ही पीना चाहिए. स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार ने कहा कि बरसात के दिनों में साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए.

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