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इस्कॉन मंदिर व राम जानकी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मना उत्सव

पर्व. सजाये गये मंदिर, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, अरे नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की....

अरे नंद के घर आनंद भयों, जय कन्हैया लाल की…. फोटो 33, कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खरीददारी करतीं महिलाएं. प्रतिनिधि, भभूआ सदर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर शनिवार को पूरा शहर कृष्णमय रहा. नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की.., बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया.., हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की..आदि गीतों से वातावरण भक्तिमय बना रहा. शनिवार को प्रभु के आगमन की खुशी में गृहस्थ व वैष्णव समाज के श्रद्धालुओं ने 24 घंटे का व्रत रखा और मध्य रात्रि में जन्म के बाद उत्सव मनाया गया. जैसे ही घड़ी में रात के 12 बजे मंदिरों में घंटे की ध्वनि ने सूचित कर दिया, प्रभु का अवतरण हो चुका है. इसके बाद घरों में भजन-कीर्तन और जयकारे के बीच श्रीकृष्ण की भव्य महाआरती की गयी. शहर के पूरब पोखर और उत्तर मुहल्ला स्थित इस्कॉन मंदिर और राम जानकी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया और भगवान कृष्ण की आरती सहित कीर्तन भजन किया गया. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर इस्कॉन नामहट्ट मंदिर व राम जानकी मंदिर को भव्य तरीक़े से सजाया गया था. इस्कॉन मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महा महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को महा अभिषेक सहित छप्पन भोग दर्शन और जन्मकथा का आयोजन किया गया, जहां रातभर श्रद्धालु कृष्ण भक्त उमड़े रहें. आज रविवार 17 अगस्त को इस्कॉन संस्थापक आचार्य श्री प्रभुपाद जन्मोत्सव सहित प्रभुपाद लीलामृत कथा और केक कटिंग महोत्सव व प्रीतिभोज का आयोजन किया जायेगा. = आधी रात बजे शहर में शंख घंटी और घड़ियाल ज्योतिषाचार्य पंडित उपेंद्र तिवारी व्यास ने बताया कि माना जाता है कि श्रीकृष्ण भगवान ने भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष तिथि के अर्ध रात्रि यानी आधी रात ठीक 12 बजे जन्म लिया था. भगवान नारायण के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य मथुरा के राजा कंस के बढ़ते अत्याचार को खत्म करके उसका विनाश करना था. इस दिन बहुत से भक्त व्रत रखते हैं और 12 बजे रात को कृष्ण का जन्म दिवस मनाते हैं. इधर, शनिवार को आधी रात होते ही मंदिरों में संख, घंटी और घड़ियाल बजने शुरू हो गये. जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटी रहीं महिलाएं शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में महिलाएं काफी सक्रिय दिखीं. इस दौरान,पर्व मनाने को लेकर महिलाएं कपड़े, पूजा के सामान, मोर मुकुट आदि की खरीदारी में व्यस्त रही. इसके पूर्व पर्व को लेकर गुरुवार व शुक्रवार को शहर के बाजारों में पर्व को लेकर खूब भीड़ उमड़ी. खासकर, एकता चौक से पश्चिम बाजार जानेवाली सड़क पर तो भीड़ के चलते रुक-रुक कर जाम भी लगता रहा. वहीं, बाजार में जबरदस्त भीड़ के चलते नियम कायदे भी तार तार होते रहे. = सोशल मीडिया पर छाये रहे नन्हें-मुन्ने कान्हा मंदिरों और सार्वजनिक जगहों पर सामूहिक पूजा के साथ साथ इस बार कन्हैया के रूप में नन्हें मुन्ने भी सोशल मीडिया, फेसबुक आदि पर छाये रहे. कोई कृष्ण बनकर राधा संग मुरली बजाता दिखाई दिया, तो कोई बाल गोपाल के रूप में झूला झूलते. पीले रंग के वस्त्र, मोरमुकुट और मुरली पकड़े हुए बच्चों बिल्कुल भगवान श्रीकृष्ण के सामान दिख रहे थे. वीआइपी कॉलोनी निवासी पूजा वर्मा ने बताया कि हर साल जन्माष्टमी के त्योहार पर स्कूल में कार्यक्रम होता है, जिसमें बच्चे कृष्ण बनते हैं. इसके अलावे इस बार बच्चों को कान्हा के रूप में तैयार कर सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड किया गया.

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