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वोटिंग से 48 घंटे पहले तक प्रत्याशियों को करना होगा अपने ऊपर दर्ज मुकदमों का खुलासा

KAIMUR NEWS.कैमूर के चारों विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को वोटिंग है. ऐसे में चुनावी रणक्षेत्र में खड़े उम्मीदवारों को वोटिंग से 48 घंटे पहले तक अपने कांडों का खुलासा सार्वजनिक रूप से करना होगा.

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तीन बार विज्ञापन देना अनिवार्य

प्रतिनिधि,भभुआ सदर.

कैमूर के चारों विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को वोटिंग है. ऐसे में चुनावी रणक्षेत्र में खड़े उम्मीदवारों को वोटिंग से 48 घंटे पहले तक अपने कांडों का खुलासा सार्वजनिक रूप से करना होगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने वैसे प्रत्याशियों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे प्रत्याशियों को नाम वापसी से लेकर मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक अखबार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से तीन बार अपनी छवि के बारे में प्रचार- प्रसार कराना जरूरी है. जिन प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं या जो किसी मामले में कोर्ट से दोषी पाये गये हैं, उन्हें अपने मुकदमे से संबंधित जानकारियां टीवी चैनलों और अखबारों के माध्यम से वोटरों को देनी है. ऐसे अभ्यर्थी जिनका पूर्व में आपराधिक चरित्र रहा है, उनको सभी लंबित वाद और जिनमें उन्हें पूर्व में न्यायालय ने दोषी करार दिया हो, उसका भी उल्लेख कम से कम तीन बार टीवी चैनल और प्रिंट मीडिया में करना है.

प्रकाशन की समयावधि की गयी है निर्धारित

आयोग ने प्रकाशन के लिए समयावधि निर्धारित कर दी है, जिसमें पहला नाम वापसी के बाद चार दिन के अंदर, दूसरा पांचवें से आठवें दिन के अंदर और तीसरा नौवें से मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के बीच प्रकाशन कराना है. इससे पहले नामांकन के दौरान प्रत्याशियों द्वारा हलफनामा दिया गया था, जिसमें संपत्ति विवरणी से लेकर आपराधिक मुकदमे तक का जिक्र करना था.

प्रचार सामग्री पर मुद्रक का नाम, व्यय व संख्या का करना होगा जिक्र

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति प्रचार-प्रसार के लिए राजनीतिक प्रवृति की सामग्री का मुद्रण कराता है, तो मुद्रण सामग्री के प्रिंट लाइन पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य लिखा होना जरूरी है. साथ ही मुद्रित सामग्री की प्रति व उसमें निहित व्यय की राशि से संबंधित विपत्र निर्वाची पदाधिकारी को प्रस्तुत करना होगा.

बगैर अनुमति नहीं निकलेगा जुलूस

चुनाव संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य कराने को लेकर प्रत्याशियों को अनुमति लेना जरूरी है. इसके लिए अनुमंडल कार्यालय में सिंगल विंडो कार्यरत है. बिना अनुमति के जुलूस, सभा के अलावा कोई भी कार्य नहीं किया जायेगा. यदि बगैर अनुमति के कोई कार्य किया जाता है, तो संबंधित प्रत्याशी पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. सभी कार्य सिंगल विंडो के माध्यम से किया जा रहा है, इसलिए प्रत्याशियों को इधर-उधर भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं है. आवेदन पत्र में जुलूस के प्रारंभ से समापन और जुलूस निकालने का समय, प्रतिभागियों की संख्या व मार्ग आदि का उल्लेख करते हुए अनुमति लेनी होगी. चुनावी सभा की अनुमति प्राप्त करने वक्त सभास्थल, समय, भाग लेने वाले लोगों की संख्या आदि का उल्लेख करना है. सभा, रैली, जुलूस, लाउडस्पीकर, प्रचार वाहन और अस्थायी कार्यालय खोलने की अनुमति आदि की स्वीकृति व अनुमोदन सिंगल विंडो से लेना होगा. नियम का उल्लंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, जिसमें छह माह की सजा या आर्थिक दंड या दोनों का प्रावधान है. प्रत्याशियों को सभा, जुलूस के समय जगह चिह्नित करने में भी सतर्कता बरतनी होगी. धार्मिक आधार पर अपील नहीं की जायेगी और न ही मंदिर, मस्जिद आदि स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग किया जायेगा.

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