भभुआ नगर. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, मेडिकल ग्राउंड पर चुनावी ड्यूटी से मुक्ति पाना अब आसान नहीं होगा. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी सुनील कुमार ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि यदि कोई पदाधिकारी या कर्मी अस्वस्थता के कारण चुनावी कार्य से मुक्त होना चाहते हैं, तो उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना पड़ेगा. अस्वस्थता के आधार पर निर्वाचन कार्य से मुक्ति के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार करने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी के आदेश पर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है. गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा उप विकास आयुक्त के अध्यक्षता में कर्मियों के स्वास्थ्य जांच के लिए 15 व 16 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की गयी है. स्वास्थ्य परीक्षण लिच्छवी भवन में किया जायेगा. मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर ही चुनावी कार्य से मुक्ति मिलेगी. निर्वाचन कार्य से छूट का अंतिम निर्णय केवल मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर ही लिया जायेगा. जिन पदाधिकारियों या कर्मियों को चुनाव कार्य से मुक्त होना है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बोर्ड के समक्ष अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा. बोर्ड की जांच और सिफारिशों के आधार पर ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी अंतिम फैसला लेंगे. = गंभीर स्वास्थ्य कारणों पर ही मिलेगी छूट जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित गंभीर स्वास्थ्य कारणों पर ही छूट प्रदान की जायेगी. किसी अन्य आधार पर अनुपस्थिति या छूट के आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेगे. निर्वाचन कार्य एक संवैधानिक दायित्व है और इसलिए केवल उचित चिकित्सकीय प्रमाण के आधार पर ही कर्मियों को छूट मिलेगी. = अनुपस्थित रहने पर आवेदन माने जायेंगे निरस्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि जिन कर्मचारियों ने अस्वस्थता के कारण आवेदन किया है, वे निर्धारित तिथि पर लिच्छवी भवन में मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करायें. अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के आवेदन ऑटोमेटिक निरस्त माने जायेगे.
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