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Kaimur News : बगैर वैध कागजात के किरायेदार रखने पर मकान मालिक पर भी होगी कार्रवाई

शहर में बिना वैध कागजात के किरायेदार रखने पर अब आपराधिक प्रविर्ती के लोगों के साथ-साथ वैसे मकान मालिकों पर पुलिस कार्रवाई करेगी. इसको लेकर पुलिस ने फरमान जारी करते हुए मकान मालिकों को मकान में रखे गये किरायेदारों का बायोडाटा सहित अन्य जानकारी देने का निर्देश जारी किया है.

भभुआ सदर. शहर में बिना वैध कागजात के किरायेदार रखने पर अब आपराधिक प्रविर्ती के लोगों के साथ-साथ वैसे मकान मालिकों पर पुलिस कार्रवाई करेगी. इसको लेकर पुलिस ने फरमान जारी करते हुए मकान मालिकों को मकान में रखे गये किरायेदारों का बायोडाटा सहित अन्य जानकारी देने का निर्देश जारी किया है. रविवार को शहर के चकबंदी रोड स्थित एक घर से हथियारों के साथ दो तस्करों की गिरफ्तारी होने के बाद भभुआ एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है. हालांकि, इसके पूर्व भी कई बार शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा भभुआ थाने की पुलिस को शहर में किराये पर रहनेवाले लोगों की जानकारी जुटाने और बगैर वैध कागजात और जानकारी के किरायेदार रखने वाले मकान मालिकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, अधिकतर वार्डों और मुहल्लों में बने मकानों में रहनेवाले किरायेदारों की जानकारी पुलिस के पास नहीं है. मकान मालिक भी बगैर पहचान के ही किरायेदारों को रख ले रहे हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि आपराधिक घटनाओं के बाद जब पुलिस कार्रवाई करती है तब जाकर जानकारी होती है कि अपराधी किराये का कमरा लेकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. उदाहरण के तौर पर रविवार को जब शहर के चकबंदी रोड स्थित एक मकान में हथियारों के साथ तस्करों के छुपे होने की सूचना पर भभुआ थाने की पुलिस ने उक्त मकान की घेराबंदी की और मकान मालिक को बुलाया, तो मकान मालिक को जानकारी ही नहीं थी कि उनके मकान में किस प्रकार के लोग रह रहे हैं. पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं थी कि शहर में किराये का कमरा लेकर हथियार तस्करी जैसे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. =अपराध पर अंकुश लगाने की कवायद दरअसल, एसडीपीओ शिवशंकर कुमार द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने के लिए यह निर्देश दिया गया है. इसके लिए अब शहर में स्थित मकान के मालिकों को अपने घर में रखे गये किरायेदारों का बॉयोडाटा व आधार नंबर थाने में जमा करना होगा. इसके बाद पुलिस इसकी जांच-पड़ताल करेगी. बॉयोडाटा में आधार कार्ड की छायाप्रति अनिवार्य है. शहरी मकान मालिक अपने किरायेदार का बॉयोडाटा स्थानीय थाने में देंगे, जिसकी जांच पुलिस करेगी. इस योजना से पुलिस को शहर में छुपकर रहने वाले या काम करनेवाले असामाजिक तत्वों व अपराधियों की पहचान करने में आसानी होगी. गौरतलब है कि पुलिस कई बार फरार चल रहे अपराधियों की जब एड्रेस की जांच करती है तो कुछ पते फर्जी निकलते है. ऐसी स्थिति में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके चलते अब पुलिस शहर के मकानों की छानबीन कर किराये पर रह रहे लोगों की जांच-पड़ताल भी करेगी. =किरायेदार बनकर दे रहे हैं आपराधिक घटनाओं को अंजाम 1992 में भभुआ को जिला मुख्यालय बनने के बाद से विकसित होते इस शहर में नये-नये कॉलोनियों का विस्तार होने लगा है. ऐसे बने कॉलोनियों में ज्यादातर मकान मालिक अपने मकानों को किराये के रूप में चलाते हैं. यहां कई ऐसे तत्व भी शामिल हैं जो लूटपाट, हथियार व मादक पदार्थ तस्करी व अन्य आपराधिक घटनाओं में शामिल होकर शहर स्थित अपने किराये के ठिकाने पर पहुंच जाते हैं और इसकी जानकारी मकान मालिक को भी नहीं मिल पाती है कि उनका अमुक किरायेदार किस प्रकार से आपराधिक घटनाओं में शामिल था. किरायदारों का वेरिफिकेशन नहीं होने के चलते अधिकतर मामलों में पुलिस द्वारा अपराधियों के पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा होता है. =शहर में 10 हजार से अधिक है निजी मकान भभुआ नगर पर्षद क्षेत्र में लगभग 10 हजार से अधिक आवासीय मकान हैं. एक अनुमान के अनुसार शहरी क्षेत्रों में करीब पांच हजार लोग किराये पर रहते हैं. शहर में दर्जनों कार्यालय, स्कूल व बैंकों की संस्थाएं भी शामिल हैं, जिनके कार्य को लेकर अधिकारी व कर्मचारियों ने शहर में किराये का मकान ले रखा है. इसके अलावा पठन-पाठन को लेकर छात्र और शिक्षक भी बतौर किरायेदार शामिल हैं. इनका बॉयोडाटा स्थानीय पुलिस के पास क्या मकान मालिकों के पास भी नहीं है. अब बगैर बॉयोडाटा के रहने से पुलिस की भी मुश्किलें बढ़ जाती है और अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस दौड़ती फिरती है. =बोले एसडीपीओ– किरायेदारों का आधार व बायोडाटा की जानकारी रखने के संबंध में एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि मकान मालिकों को अपने घर में रखे गये किरायेदार का बॉयोडाटा पुलिस प्रशासन को देना होगा. पुलिस भी अपने स्तर से शहर में भाड़े पर रहनेवाले लोगों का बायोडाटा जुटा रही है. अगर किसी के मकान से आपराधिक तत्वों की गिरफ्तारी होती है तो वैसी स्थिति में अपराधियों के साथ ही मकान मालिक पर भी कार्रवाई हो सकती है.

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