मोहनिया सदर. जल संसाधन विभाग के कार्यालय पर डुगडुगी बजा कर सब जज प्रथम संगम कुमार की अदालत के आदेश पर कुर्की का इश्तेहार चिपकाया गया. विभागीय कार्यालय के साथ आसपास की लगभग कुल 3.75 एकड़ की जमीन को कोर्ट ने नीलाम करने का आदेश जारी किया है. डुगडुगी बजता देख आसपास काफी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी. कोर्ट ने यह आदेश मेसर्स शिव शंकर कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की बकाया राशि का भुगतान जल संसाधन विभाग के कार्यालय द्वारा नहीं करने पर जारी किया है. इसमें बताया गया है कि इस कंपनी का 28 लाख रुपये का बकाया 1992 में विभाग पर था. इसका भुगतान नहीं करने के बाद पीड़ित ने व्यवहार न्यायालय भभुआ का सहारा लिया. जहां कोर्ट ने पहला आदेश भुगतान करने को लेकर जल संसाधन विभाग को जारी किया था. उस पर भी लोगों द्वारा कोई अमल नहीं किया गया, तो याचिकाकर्ता ने मोहनिया सिविल कोर्ट में न्याय की गुहार लगाया. सिविल कोर्ट द्वारा 1992 का 28 लाख रुपये बकाया राशि पर प्रतिवर्ष 16 प्रतिशत की दर से ब्याज जोड़कर यानी अब तक डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान यथाशीघ्र करने का आदेश जारी किया है राशि जमा नहीं करने पर जल संसाधन विभाग के कार्यालय के साथ विभाग के आसपास का जमीन 3.75 एकड़ पर इश्तेहार चिपका दिया गया है और उसकी नापी करा कर विभाग को इसकी एक प्रति सौंप दिया गया है. 33 वर्ष बाद 28 लाख से बढ़कर बकाया हुआ लगभग डेढ़ करोड़ कंस्ट्रक्शन कंपनी की बकाया राशि वर्ष 1992 में 28 लाख थी. जिसे 33 वर्ष बाद भी विभाग द्वारा काफी आग्रह के बाद भी कंपनी को नहीं लौटाया. इससे न्यायालय द्वारा उक्त बकाया राशि पर 16 प्रतिशत ब्याज दर के साथ विभाग को डेढ़ करोड़ रुपये जमा करने का आदेश जारी किया गया. इसके बावजूद विभाग में न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज किया. इसके बाद न्यायालय ने सख्त कदम उठाते हुए बुधवार को जल संसाधन विभाग के कार्यालय सहित उसकी आसपास की भूमि को कुर्की का इश्तेहार चिपकाने का आदेश जारी किया. न्यायालय की कार्रवाई से पीड़ित को मिला बल लंबे समय से चले आ रहे इस मामले में पीड़ित कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोगों को उस समय अधिक बल मिला जब बुधवार के दिन माननीय न्यायाधीश सब जज प्रथम संगम कुमार की अदालत में जल संसाधन विभाग के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताते हुए सरकारी कार्यालय और भूमि की कुर्की करने के लिए इश्तेहार चिपकाने का आदेश जारी कर दिया. न्यायालय के इस आदेश के बाद डुगडुगी बजाकर कुर्की का इश्तेहार चिपकाने की कार्रवाई शुरू हुई. इस दौरान न्यायालय में अपने विभिन्न कार्यों को लेकर आये लोगों ने इसे काफी करीब से देखा और न्यायालय के इस निर्णय की सराहना की इसके पूर्व भभुआ व्यवहार न्यायालय द्वारा भी जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी किया गया था. लेकिन विभागीय पदाधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसका परिणाम रहा की सब जज प्रथम के न्यायालय ने कुर्की का इश्तेहार चिपकाने का आदेश जारी किया.
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