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पांच साल में नहीं हुआ डोर टू-डोर कचरे का उठाव

लापरवाही. जनता के सपने दरकिनार, दावेदार देख रहे ख्वाब नगर पर्षद की फाइलों में सिमटी शहर में जलजमाव व सीवरेज सिस्टम की समस्या भभुआ सदर : पांच साल बीतने के बाद भभुआ शहर में निकाय चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गयी है. इसमें चेयरमैन की कुरसी पर बैठने का हसीन ख्वाब देखनेवालों […]

लापरवाही. जनता के सपने दरकिनार, दावेदार देख रहे ख्वाब
नगर पर्षद की फाइलों में सिमटी शहर में जलजमाव व सीवरेज सिस्टम की समस्या
भभुआ सदर : पांच साल बीतने के बाद भभुआ शहर में निकाय चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गयी है. इसमें चेयरमैन की कुरसी पर बैठने का हसीन ख्वाब देखनेवालों की संख्या भी कम नहीं है. लेकिन, पिछले कई वर्षों से जनता को हसीन ख्वाब दिखानेवाले किसी ने भी उनकी समस्याओं को समझने की जरूरत नहीं समझी.
पिछले पांच वर्षों की ही अगर बात करें तो नगर अध्यक्ष सहित पूर्व अधिकारी शहरवासियों को शहर में डोर-टू-डोर कचरे का उठाव कराने, जलजमाव व निकासी के लिए ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम का हसीन ख्वाब तो दिखा दिया, लेकिन अब तक यह योजना नप की फाइलों में सिमटी हुई है. उसी प्रकार पिछले पांच वर्षों से शहर के राजेंद्र सरोवर में कैंटीन, कैफेरिया के साथ लोगों को सरोवर में नाव से वोटिंग के सब्ज बाग दिखाये गये. लेकिन, अब भी राजेंद्र सरोवर में लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल पायी. शहर में नाले गलियों व सड़क की स्थिति इन पांच वर्षों में अनियमितता की भेंट चढ़ गयी.
इधर, इन सबसे चिंतामुक्त वर्तमान पार्षदों व ताल ठोकनेवाले नये उम्मीदवारों की तैयारी सड़क पर नजर आ रही है.शहर के गली-मुहल्लों से लेकर मुख्य चौक-चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लग चुके हैं. लेकिन जनता की समस्याओं की बात न इन होर्डिंग्स में नजर आ रही है न दावेदारों की बातों में. दावेदारों की जुबा पर चर्चा है तो सिर्फ विरोध में खड़े होनेवालों की कमजोरियों की. समूचे शहर में पिछले कई महीनों से पोस्टर बैनर लगा दिये गये हैं. किसी-किसी ने तो अपनी खुबी व जनता के बड़े पैरोकार बनने के लिए शहर के एकता चौक, पटेल चौक, जेपी चौक आदि स्थानों पर तो बड़े-बड़े विशाल होर्डिंग्स टांग रखे हैं.
अब यह अलग बात है कि जनता को पुन: ठगने के प्रयास में लगे इन दावेदारों के होर्डिंग्स पर जिले के पहरूओं की नजर नहीं जाती. बल्कि यूं कहे कि इन दावेदारों के साथ-साथ हुक्मरानों की भी शहर की प्रमुख समस्याओं पर उनका ध्यान नहीं है. शहर में जल निकासी, मच्छरों के प्रकोप से फैलनेवाले रोगों से बचाव, पेयजल की समस्या के साथ शहर में कई महीनों से बुझ चुकी स्ट्रीट लाइट व ग्रीन सिटी के सौंदर्यीकरण का इंतजार भभुआ शहर की जनता कई वर्षों से कर रही है. शहर के वृद्ध परमेश्वर लाल, सियाराम यादव कहते हैं इस शहर में आज तक सार्वजनिक सुविधा का घोर अभाव है.
यहां एक पार्क भी नहीं है, जहां पर शहर के बुजुर्ग सुबह या शाम मेंटहलते हुए आपस में बातें करते. शहर के चकबंदी रोड में रहनेवाली पुष्पा देवी, राजेंद्र प्रसाद की परेशानी तो और जुदा है.
उनका कहना है कि हमलोग का मुहल्ला पूरे साल जलजमाव से घिरा रहता है. सड़कें भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी है. लेकिन, इन सब परेशानियों से दरवाजे परिक्रमा कर रहे हैं. लेकिन, इस बार हम लोग सचेत है और इस बार वोट उसी को हमलोगों का जायेगा, जो हमलोगों को इस नारकीय स्थिति से छुटकारा दिलाने का शपथ पत्र देगा.

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