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गहरी नहर पर सुरक्षा दीवार नहीं, आना-जाना खतरनाक
भभुआ सदर : शहर के वार्ड छह व सात के बीच से गुजरती नहर पर सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराया गया है. इसके चलते गहरी नहर जानलेवा साबित हो सकता है. हालांकि, अभी तक लगभग 12 फुट गहरे नहर से कोई गंभीर दुर्घटना नहीं हुई है. फिर भी नहर के दोनों तरफ बनी सड़क […]
भभुआ सदर : शहर के वार्ड छह व सात के बीच से गुजरती नहर पर सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराया गया है. इसके चलते गहरी नहर जानलेवा साबित हो सकता है. हालांकि, अभी तक लगभग 12 फुट गहरे नहर से कोई गंभीर दुर्घटना नहीं हुई है. फिर भी नहर के दोनों तरफ बनी सड़क से आने जानेवाले लोगों को सुरक्षा दीवार नहीं रहने से उक्त नहर में गिरने की आशंका बनी रह रही है.
गौरतलब है कि उक्त नहर फिलहाल निर्माणाधीन है और सिंचाई विभाग द्वारा लगभग दो करोड़ 45 लाख की लागत से फिलहाल वार्ड सात मुशहर टोली से पाल छात्रावास से तीन सौ मीटर आगे तक नहर की मरम्मत व लगभग 12 फुट तक की खुदाई करायी जा रही है. सिंचाई विभाग द्वारा नहर की मरम्मत व खुदाई तो करायी जा रही है, लेकिन शहर के बीच से गुजरी नहर के दोनों किनारों पर सुरक्षा दीवार की कोई रूपरेखा नहीं बनायी गयी है, जिसके चलते उक्त नहर पथ आज लगभग 10 हजार की आबादी के लिए खतरनाक बन रहा है.
वार्ड सात की रहनेवाली व नहर के किनारे मकान बना कर रह रही मुन्नी देवी, गंगोत्री देवी, राजेश आदिवासी आदि का कहना था कि पहले नहर की सफाई व मरम्मत नहीं हुई थी, तो अक्सर बरसात में नहर के जाम हो जाने से उसका पानी मुहल्ले में घुस आता था और कई-कई दिन जमा रहता था. नहर बनने लगी तो उम्मीद बढ़ी कि इस बरसात मुहल्ले में जल जमाव नहीं होगा. लेकिन, सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराये जाने से हर वक्त घर के बच्चों सहित मुहल्ले में आने-जानेवाले लोगों को गहरे नहर में गिरने की आशंका बनी रहती है. खासकर वैसे लोग जो बाइक पर आते-जाते रहते हैं. उक्त नहर पर सुरक्षा दीवार नहीं रहने से स्कूल आने-जाने छोटे बच्चों को भी परिजन काफी एहतियात बरतते हुए स्कूल छोड़ने व लाने जा रहे हैं.
उधर, शहर के अष्टभुजी चौक को हर बार बरसात में डुबानेवाली नहर के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार नहीं बनाये जाने पर वार्ड एक के संजीव मिश्र, विनोद कुमार, नन्हें सिंह ने कहा कि नहर की खुदाई व साफ-सफाई कराये जाने से हमलोगों को इस बरसात में जलजमाव से मुक्ति मिलेगी, तो किसानों को भी नहर के गहरे होने से हर वक्त उन्हें पानी भी मिलेगा. लेकिन, सिंचाई विभाग को नहर का जीर्णोद्धार कराने के साथ-साथ दीवार का भी निर्माण कराया जाना चाहिए था. क्योंकि, खुदाई के बाद नहर इतनी गहरी हो गयी है कि अगर कोई इसमें असावधानीवश गिर जाये तो फिर उनका बिना किसी सहयोग के बाहर निकलना मुश्किल है. पशुओं के लिए तो नहर की गहरायी मौत के सामान है.
प्राक्कलन में सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं है शामिल : निर्माणाधीन नहर के दोनों किनारों पर सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराये जाने को लेकर सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश कुमार का कहना था कि नहर की खुदाई व मरम्मत के अलावे किसी भी तरह के निर्माण का प्राक्कलन फिलहाल नहीं है. राशि पर्याप्त नहीं रहने के चलते दीवार का निर्माण नहीं कराया जा सका है. विभाग में सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए अधिकारियों को अवगत कराया गया है.
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