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वरीय अफसरों के भी फोन नहीं उठाते कार्यपालक अधिकारी
भभुआ (कार्यालय) : नगर पर्षद के साहब के ऊपर कोई साहब नहीं है. जिले के किसी भी साहब की बात तो सुनना दूर फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझते. जब नगर पर्षद के साहब अपने साहबों का ही फोन नहीं उठायेंगे तो आम लोगों का फोन या उनकी फरियाद की उनकी नजर में क्या अहमियत […]
भभुआ (कार्यालय) : नगर पर्षद के साहब के ऊपर कोई साहब नहीं है. जिले के किसी भी साहब की बात तो सुनना दूर फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझते. जब नगर पर्षद के साहब अपने साहबों का ही फोन नहीं उठायेंगे तो आम लोगों का फोन या उनकी फरियाद की उनकी नजर में क्या अहमियत रखती है, आप सहज ही समझ सकते हैं. शुक्रवार को नगर पर्षद के साहब की मनमानी के कारण पुलिस विभाग के अधिकारियों को ही काफी फजीहत झेलनी पड़ी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला यह था कि डीएम व एसपी के निर्देश पर शहर में नगर पर्षद द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने पर भभुआ थाने की पुलिस गुरुवार को भभुआ की सड़कों पर अतिक्रमण हटवाने व नो वेंडर जोन में खड़े दुकानदारों को पकड़ने के लिए उतरी थी.
इस दौरान सदर अस्पताल के सामने मूंगफली के एक ठेले को नो वेंडर जोन में खड़ा होने के आरोप में पकड़ा गया. उसे जुर्माना वसूलने के लिए जब्त कर थाने लाया गया. मूंगफली के ठेले का मालिक लक्ष्मण साह नो वेंडर जोन में पकड़े जाने पर जुर्माना देने थाना पहुंचा. पर, थाने द्वारा बताया गया कि नगर पर्षद जाकर जुर्माना कटा लें. जब वह नगर पर्षद जुर्माना कटाने के लिए पहुंचा, तो वहां जुर्माना काटने के लिए कोई मौजूद नहीं था. फिर वह थाने आया और इसकी शिकायत की, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली और गुरुवार को उसका ठेला थाने में ही जब्त रह गया. लेकिन, जुर्माना काटने नगर पर्षद से कोई नहीं आया. शुक्रवार की सुबह फिर वह उक्त ठेला का मालिक जुर्माना देने के लिए नगर पर्षद गया, लेकिन कोई जुर्माना काटने के लिए वहां मौजूद नहीं था. इधर, थाना वगैर जुर्माना ठेला छोड़ने को तैयार नहीं था. ठेला मालिक लक्ष्मण साह ने बताया कि उसके परिवार का खर्चा मूंगफली बेच कर ही चलता है. दो दिनों से ठेला थाने में जब्त है.
नो-वेंडर जोन में खड़ा करने के एवज में जुर्माना देने को वह तैयार है, लेकिन कोई जुर्माना लेने वाला ही नहीं है. उसने कहा कि नो पॉर्किंग जोन या यातायात नियमों को तोड़ने वाले दो पहिया या चार पहिया वाहनों से तत्काल जुर्माना वसूल उन्हें छोड़ दिया जाता है, जबकि जिस दुकान से उसका व उसके परिवार का पेट चलता है, उसे दो दिनों से अधिकारियों की लापरवाही के कारण जब्त होने के बाद से थाने में ही पड़ा है, वह भी तब, जब वह जुर्माना देने को तैयार है.
डीएम तक पहुंचा मामला
जब यह मामला एएसपी जगन्नाथ रेड्डी के पास पहुंचा, तो उन्होंने तत्काल भभुआ थानेदार को निर्देश दिया कि नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को फोन कर जुर्माना कटवाएं.जब थानेदार ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह को फोन किया, तो तीन बार फोन जाने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद एएसपी जगन्नाथ रेड्डी ने स्वयं कार्यपालक पदाधिकारी को फोन लगाया, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं उठाय. अंत में बाध्य होकर एएसपी जगन्नाथ रेड्डी ने इसकी शिकायत एसपी हरप्रीत कौर से की. एसपी द्वारा तत्काल इसकी सूचना डीएम राजेश्वर प्रसाद को दी गयी. यह सुन डीएम ने नगर पर्षद के अधिकारियों को जम कर फटकार लगाय. तब कहीं उस ठेलावाले से जुर्माना वसूल कर उसका ठेला छोड़ा गया.
फोन नहीं उठाने की आदत पुरानी
नगर पर्षद के साहब द्वारा फोन नहीं उठाने की आदत पुरानी है. अधिकारियों ने जब फोन किया और उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया, तो इस मामले को लेकर हायतौबा मचा हुआ है. लेकिन, आमलोग साहब को फोन करते रह जाते हैं, पर उनसे बात नहीं होती. यह शिकायत आम हो चुकी है. इस कारण लोगों को काफी फजीहत भी झेलनी पड़ती है. जब इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है. यह भी कि जब उनसे लिखित तौर पर पूछा जायेगा, तो वह इसका जवाब देंगे.
क्या कहती हैं एसपी
एसपी ने कहा कि शहर में अतिक्रमण या नो वेंडर जोन में खड़े दुकानदारों पर कार्रवाई के लिए नगर पर्षद जिम्मेवार है. लेकिन कभी भी नगर परिषद द्वारा स्वयं अतिक्रमण हटाने या नो वेंडर जोन में खड़े दुकानदारों पर कार्रवाई करने की पहल नहीं की जाती है, जबकि दो दिनों पूर्व डीएम के नेतृत्व में बैठक हुई थी और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. इसके बावजूद नगर परिषद द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कभी भी कोई पहल नहीं की जाती है. बदले में पुलिस अगर कार्रवाई भी करती है तो नगर परिषद जुर्माना काटने में भी कोई रूचि नहीं दिखाता है. उक्त मामले की एएसपी से लिखित रिपोर्ट मांगी गयी है. उस रिपोर्ट के आधार पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा जायेगा.
क्या कहते हैं डीएम
डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. नगर पर्षद की लापरवाही स्पष्ट तौर पर सामने आयी है. उक्त मामले में रिपोर्ट प्राप्त होते ही कार्रवाई की जायेगी.
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