भभुआ : कलयुग में कुछ भी हो सकता है. इससे तनिक भी इनकार नहीं किया जा सकता है. यहां तक की मां-बाप अपनी भड़ास निकालने के लिए अपने बच्चों को ढाल बना कर इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें या तो कुछ बच्चे अपने माता-पिता की बातों को मान कर गलत काम कर देते हैं या कुछ बच्चे अपनी साहस और विवेक को दिखा कर इससे बच निकलते हैं. इस तरह का मामला सदर प्रखंड के कुड़ासन गांव में आया है.
गांव की एक नौवीं की नाबालिग छात्रा जब अपने चाचा पर रेप का केस करने से इनकार किया, तो नाबालिग छात्रा के माता-पिता तीन दिन तक छात्रा को प्रताड़ित करते हए मारपीट की. बस छात्रा की गलती इतनी थी कि छात्रा ने अपने मां-बाप का गलत कार्य में साथ नहीं दिया. छात्रा के मां-बाप का पहले से ही उसके चाचा के साथ विवाद था. लेकिन, चाचा पर रेप का केस नहीं करने पर छात्रा को अपने ही मां-बाप द्वारा पीटा जा रहा है. मां-बाप की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा भभुआ महिला थाने पहंची. यहां से महिला थाने की पलिस ने चाइल्ड लाइन की मदद से छात्रा को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया.
छात्रा ने माता-पिता के खिलाफ दिया आवेदन : इधर, नाबालिग छात्रा द्वारा महिला थाने में अपने माता-पिता के खिलाफ लिखित आवेदन देने के बाद महिला थानाध्यक्ष द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हए इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी. सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम की मदद से महिला थानाध्यक्ष द्वारा महिला पलिस अधिकारियों के साथ प्रताड़ित हो रही लड़की को उसके घर भेजा गया. इस दौरान घर पर कोई परिजन के मौजूद नहीं रहने के कारण वापस अधिकारियों द्वारा भभुआ लाया गया और नाबालिग लड़की को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, भभुआ थाना क्षेत्र के कुड़ासन गांवनिवासी पीड़िता के पिता और चाचा शेखरचंद सिंह के बीच पूर्व ही आपसी विवाद चल रहा था. इसमें तीन दिनों पहले पीड़िता के माता-पिता और चाचा के बीच झगड़ा हुआ था. इधर, झगड़े का खुन्नस उतारने के लिए पीड़िता के माता-पिता ने अपनी बेटी के माध्यम से छोट भाई शेखरचंद पर रेप करने केस दर्ज कराने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था. लड़की ने जब अपने माता-पिता की बात को दरकिनार करते हुए कहा कि चाचा ने जब इस तरह का काम किया ही नहीं है, तो क्यों केस करें. लेकिन, अपनी
भंड़ास निकालने के लिए दंपती तीन दिनों तक अपनी बेटी को प्रताड़ित करते हुए मारपीट कर रहे थे. बेटी ने मां-बाप का प्रताड़ना से सोमवार को आजिज होकर भभुआ महिला थाने पहुंची. यहां पुलिस के सामने मामले की पूरी दास्तां बतायी और इस मामले में अपने माता-पिता के खिलाफ आवेदन दिया. इस संबंध में महिला थानाध्यक्ष संजय कुमार द्वारा बताया गया कि नाबालिग लड़की द्वारा अपने मां-बाप पर चाचा पर रेप का केस नहीं करने पर मारपीट और प्रताड़ित करने का आवेदन दिया गया है. इसके बाद चाइल्ड की टीम की साधना कुमारी गुप्ता व महिला पुलिस बल के साथ पीड़िता घर भेजा गया. लेकिन, घर पर कोई परिजन नहीं मिला. इसके बाद छात्रा को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया.