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पांच महीनों में पुलिस पर हुए पांच हमले, आरोपितों को भी छुड़ाया

भभुआ कार्यालय : वर्ष 2019 कैमूर पुलिस के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है. जनवरी से मई तक देखें, तो हर महीने जिले में कहीं न कहीं लगातार पुलिस पर हमला हुआ है. यहां तक की गंभीर आरोपितों को जब पुलिस पकड़ने जा रही है, तो उपद्रवी पुलिस पर हमला कर आरोपितों को छुड़ा […]

भभुआ कार्यालय : वर्ष 2019 कैमूर पुलिस के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है. जनवरी से मई तक देखें, तो हर महीने जिले में कहीं न कहीं लगातार पुलिस पर हमला हुआ है. यहां तक की गंभीर आरोपितों को जब पुलिस पकड़ने जा रही है, तो उपद्रवी पुलिस पर हमला कर आरोपितों को छुड़ा ले जा रहे हैं.

पुलिस पर हमला करनेवाले उपद्रवियों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण जिले में उपद्रवियों के हौसले बुलंद हैं और कैमूर पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर है.
इस वर्ष पांच महीने में कैमूर पुलिस पर पांच जगहों पर हमले हुए जिसमें तीन जगह पर पकड़े गये आरोपियों को उपद्रवियों एवं हमला करनेवाले लोगों ने छुड़ा लिया और पुलिस को वहां से ईंट व पत्थर झेल कर वापस लौटना पड़ा.
अक्सर पुलिस पर हमले के बाद कठोर कानूनी कार्रवाई की उम्मीद की जाती है, लेकिन रामगढ़ उपद्रव के बाद कैमूर पुलिस का मनोबल इतना टूट चुका है कि हमले की प्राथमिकी दर्ज कर जिम्मेदारियों की इतिश्री कर दी. पुलिस पर हमला करनेवाले नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी, वारंट व कुर्की पर नजर डालें, तो सुस्ती स्पष्ट तौर पर दिख रही है.
घटना एक : 18 जनवरी
18 जनवरी को बड़ौरा की शशिकला की मौत मामले में आक्रोशित लोगों द्वारा सड़क जाम किया गया, वहीं उपद्रवियों द्वारा दो दो बार थाने पर हमला कर थाने को फूंक दिया गया. यहीं नहीं, मोहनिया के एसडीपीओ, इंस्पेक्टर सहित एक दर्जन पुलिसकर्मियों को बुरी तरह से पीट कर जख्मी कर दिया गया. उपद्रवियों ने पहली बार थाना जलानेवाले आधा दर्जन लोगों को थाने के हाजत से छुड़ा कर अपने साथ ले गये.
उक्त मामले में 100 से अधिक लोगों पर नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया गया. लेकिन, उस मामले में भी पुलिस कार्रवाई का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि घटना के चार महीने बीत जाने के बाद अभी तक महज 13 लोगों की ही गिरफ्तारी हो सकी है.
घटना दो : 13 फरवरी
13 फरवरी को रामगढ़ उपद्रव मामले में ही रामगढ़ के तत्कालीन थानेदार शर्वेंदु शरत पुलिसबल के साथ अकोढ़ी गांव में नामजद आरोपितों को गिरफ्तार करने गये थे. एक बार फिर अकोढ़ी के ग्रामीणों ने गिरफ्तार करने गये पुलिस पर हमला बोल दिया और पुलिस द्वारा पकड़े गये नामजद आरोपितों को छुड़ा लिया और पुलिस को वहां से भागने पर विवश कर दिया.
उसे मामले में भी पुलिस द्वारा अकोढ़ी के ग्रामीणों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. लेकिन, प्राथमिकी के बाद उस मामले में भी गिरफ्तारी, वारंट व कुर्की की कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गयी.
घटना तीन : 20 मार्च
20 मार्च को एक पिकअप की चपेट में आ जाने से कुदरा-भभुआ रोड पर कुकुराढ़ के पास एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. उक्त व्यक्ति को जख्मी कर पिकअप चालक अपना पिकअप लेकर अपने गांव सोखवा भाग गया.
जब पुलिस उक्त पिकअप गाड़ी को पीछा करते हुए जब्त करने के लिए सोखवा पहुंची, तो ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. पुलिस पर पथराव किया गया वहां भी पुलिस को पिकपअ जब्त करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
हालांकि, पुलिस ने पिकअप को जब्त कर लिया. लेकिन, पुलिस पर हमला किये जाने के कारण गाड़ी का चालक फरार हो गया. उस मामले में भी पुलिस पर हमला करने की प्राथमिकी सोखवा के लोगों नामजद किया गया. लेकिन, उस मामले में भी पुलिस आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं कर पायी है.
घटना चार : 10 अप्रैल
10 अप्रैल को मुंडेश्वरी धाम एक कार की चपेट में आ जाने से एक किशोर की मौत हो गयी थी. आक्रोशित लोग उस कार को रामगढ़ गांव में ले जाकर क्षतिग्रस्त कर दिया. जब पुलिस उस कार को लाने के लिए रामगढ़ गांव गयी तो सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया.
देखते ही देखते हालात बिगड़ गया. वहां पुलिस के जवानों को पीटा गया. दोबारा पुलिस अगले दिन उक्त गाड़ी को जब्त करने गयी तो फिर दोबारा पुलिस का घेराव किया गया.
बार-बार पुलिस पर हमला होने से पुलिस का मनोबल इस कदर टूट गया था कि धक्का मारनेवाली कार लगभग दो सप्ताह तक उसी गांव में पड़ी रही और उसे कोई लाने तक नहीं गया. उस मामले में भी दर्जनों लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.
घटना पांच : छह मई
एक बार फिर बीते छह मई को औरंगाबाद से फरार दो आरोपितों को गुप्त सूचना के आधार पर औरंगाबाद पुलिस ने सोनहन थाना क्षेत्र के नाटी गांव में सोनहन पुलिस के साथ छापेमारी की. औरंगाबाद से फरार दो आरोपितों में से एक आरोपित को पकड़ भी लिया गया.
लेकिन, ग्रामीणों ने एक बार पुलिस पर हमला बोल दिया और पकड़े गये आरोपी को जबरन छुड़ा लिया और पुलिस मुंह देखती रह गयी. वहां से भी औरंगाबाद व सोनहन पुलिस को हमले के बाद खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. उक्त मामले में भी पुलिस पर हमला करने का सोनहन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. लेकिन, खासबात यह कि उसमें भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
क्या कहते हैं एसपी
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि दो-तीन मामलों में आरोपित जमानत पर हैं. वहीं, अन्य सभी मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी से लेकर कुर्की वारंट तक की कार्रवाई की जा रही है. चुनाव से पहले सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जायेगा.

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