रामपुर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बसिनी गांव में पांच दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में चौथे दिन सोमवार की रात में धर्म संवाद के साथ 11 हजार शंखनाद का आयोजन किया गया. इसमें काशी, वृंदावन, बिहार-झारखंड सभी जगहों से महान विद्वान व आचार्य सहित पांच शंख वादक मड़ीपुर से पधारे थे. जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा श्रोता को धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि धर्म का अर्थ है किसी भी व्यक्ति का आचरण, विचार, और उसूल जो जीवन के लिए सही माना जाता है. यह नैतिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों का एक समूह है जो समाज में शांति और सद्भाव बनाये रखने में मदद करता है. धर्म को जीवन जीने का एक उत्कृष्ट मार्ग, नैतिक और आध्यात्मिक व्यवस्था का आधार और सत्य का मार्ग भी माना जाता है. धर्म व्यक्ति को नैतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिससे वह एक बेहतर जीवन जी सके. उसके बाद काशी से पधारे प्रो उमाकांत चतुर्वेदी जी ने धर्म और मानव जीवन विषय पर संस्कृत भाषा में अपने विचार प्रस्तुत किये. इसके पश्चात रामकेश्वर तिवारी ने शंखनाद विषय पर संस्कृत में हिंदी व्याख्या अद्भुत बातें बताया कि सनातन परंपरा में शंख के 10 प्रकार को बेहद शुभ माना गया है. इनमें कामधेनु शंख, गणेश शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, विष्णु शंख, ऐरावत शंख, पौंड्र शंख, मणिपुष्पक शंख, देवदत्त शंख और दक्षिणावर्ती शंख शामिल है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब शंख बजाया जाता है, तो उसकी दिव्य ध्वनि से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं. शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन मिलता है. शंख को भगवान विष्णु का प्रिय और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. शंख बजाने से ध्वनि के कारण वातावरण में शुद्धता आती है और कीटाणु नष्ट होते हैं. शंखनाद से मानसिक तनाव और ब्लड प्रेशर कम होता है, साथ ही हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों से भी बचाव होता है. उसके बाद मणिपुर से आये पांच शंख वादकों के साथ 11 हजार कथा श्रवण कर रहे लोगों ने एक साथ शंख बजाया, जिससे पूरा वातावरण शंखनाद से गुंजायमान हो उठा. इसके साथ ही भरत शर्मा, गायक गोपाल राय, रितेश पांडेय व अजय पांडेय मृदुल के भक्ति गीत पर श्रोता झूमते रहे. इस दौरान यज्ञ का आयोजक पैक्स अध्यक्ष संदीप कुमार सिंह उर्फ मुना सिंह, मुख्य सहयोगी अशोक सिंह, उमेश सिंह, अरविंद कुमार सिंह उर्फ चिन्ना सिंह, अनिल सिंह समिति सचिव, प्रमुख संयोजक सतीश कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह व ग्रामीण मौजूद थे़
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