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Jehanabad : अगस्त में हुई बारिश से धान रोपनी में आयी तेजी, 99% लक्ष्य पूरा

जिले में अगस्त महीने में हुई जोरदार बारिश ने धान की रोपनी के कार्य में जान ला दी है. अब तक जिले के 99 % किसानों के खेतों में धान की रोपनी संपन्न हो चुकी है.

जहानाबाद. जिले में अगस्त महीने में हुई जोरदार बारिश ने धान की रोपनी के कार्य में जान ला दी है. अब तक जिले के 99 % किसानों के खेतों में धान की रोपनी संपन्न हो चुकी है. अब जिले में मात्र एक प्रतिशत की कृषि भूमि धान की रोपनी से वंचित है जो एक सप्ताह के पहले ही पूरी हो जाने की उम्मीद है. जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह को छोड़कर पूरे महीने सही ढंग से बारिश नहीं होने के कारण किसान मायूस हो चुके थे. 25 जुलाई तक जिले में मात्र 38 % भूमि पर ही धान की रोकने हो सकी थी. जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश के बाद मायूस के किसानों के चेहरे पर फिर से खुशी लौट आई। जिसके कारण महीने के अंतिम 6 दिनों में ही हुई बारिश के बाद धान रोपनी का आंकड़ा 38% से उछलकर 69% पर जा पहुंचा, फिर उसके बाद मात्र एक दिन में ही तीन प्रतिशत भूमि पर धानरोपनी का काम संपन्न हो गया. एक अगस्त को यहां आंकड़ा 69% से उछलकर 72% पर आ गया. इसके बाद करीब एक सप्ताह सही ढंग से बारिश नहीं हुई जिसके कारण रोपनी का काम फिर धीमा हो गया, किंतु अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह में हुई जोरदार बारिश के बाद जिले के अधिकांश किसान इस काम में जोर-शोर से जुड़ गये इसके बाद यह जिला इस कार्य में लक्ष्य के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है. जिले में इस साल 49183 हैकटेयर जमीन पर धान रोपने का लक्ष्य रखा गया था. इसके मुकाबले 21 अगस्त तक के आंकड़े के अनुसार जिले की 48536 सेक्टर भूमि पर धनरोपनी हो चुकी थी. जिले में पिछले 10 दिनों से हो रही बारिश से जहां नदी तालाब पोखर ताल तलैया और पईन में पानी भरा है जो इस साल यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है, जिसके कारण अभी तक जिले के 99 % खेतों में धनरोपनी का कार्य संपन्न हो चुका है. शेष बचे खेतों में भी किसान धनरोपनी के कार्य में जुटे हैं. उम्मीद है कि इस साल शत प्रतिशत खेतों में धनरोपनी का कार्य पूरा हो सकेगा. जिले में पिछले 10 दिनों से हो रही बारिश और इसके बाद झारखंड सहित अन्य राज्यों में भारी बारिश के कारण विभिन्न नदियों में पानी आने के कारण जिले की नदियों के अलावे ताल तलैया आहार पोखर और पईन में भी पानी भरा है जिससे जो खेत पारित पड़ी हुई थी उनमें भी धान की रोपनी की जा रही है, जो खेत पहले से ही तैयार थे और केवल पानी के अभाव में रोपनी नहीं हो पा रही थी, वैसे खेतों में भी धनरोपनी का कार्य लगभग संपन्न हो गया है. जिले में इस साल धान की बंपर फसल होने की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि वैसे किसान अभी भी जोर शोर से खेतों में धनरोपनी में लगे हैं जिनके खेत में रोपनी पूरी नहीं हुई है. वैसे किसानों के खेत में भी पानी जमा है और आराम से रोपनी हो रही है. जिले के ज्यादातर खेतों में धान रोपनी का कार्य अगस्त महीने में ही हुआ है. किसान विश्वनाथ सिंह का कहना है कि इस साल बारिश ने बड़ी मेहरबानी की है. समय पर बारिश होने तथा नदी आहार पोखर तालाब और पाईन में पानी जमा हो जाने से धनरोपनी का कार्य काफी आसान हो गया. जुलाई महीने के प्रारंभ 3 सप्ताह में सही ढंग से बारिश नहीं होने के कारण ऐसा लग रहा था कि अब बची हुई रोपनी का काम करने के लिए मोटर पंप चलना पड़ेगा लेकिन जुलाई के अंतिम सप्ताह और अगस्त के पहले सप्ताह में हुई जोरदार बारिश ने पानी की समस्या दूर कर दी. अगर रोपनी के बाद भी बीच बीच में बारिश होती रहे तो इस साल बंपर पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है. खाद की दुकानों पर लगी है भीड़ : खेतों में धान की बुवाई के साथ-साथ इधर खाद की दुकानों पर भी भीड़ लगनी शुरू हो गयी है. धान के खेतों में डालने के लिए डीएपी और यूरिया खाद की बिक्री हो रही है. धनरोपनी के पहले डीएपी खाद खेतों में डाल कर धान रोपनी की जाती है वहीं रुकने के बाद यूरिया खाद डाला जाता है. इन दोनों खादों का सही समय पर उपयोग करने से पैदावार अच्छी होती है.

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