जहानाबाद. जिले में पिछले दो दिनों के दौरान हुई जोरदार बारिश ने धान की रोपनी के कार्य में नई जान ला दी है. पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण मायूस के किसानों के चेहरे पर फिर से खुशी लौट आई है. दो दिनों की बारिश के बाद जिले के 97 प्रतिशत किसानों के खेतों में धान की रोपनी संपन्न हो चुकी है. अब जिले में मात्र तीन प्रतिशत की कृषि भूमि धान की रोपनी से वंचित है जो एक सप्ताह के पहले ही पूरी हो जाने की उम्मीद है. एक पखवारा पूर्व हुई बारिश से जहां जिले के नदी, तालाब, पोखर, ताल-तलैया और पइन में पानी भरना इस साल किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है. उसके बाद रही सही कसर मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश ने पूरी कर दी जिसके कारण अभी तक जिले के 97 प्रतिशत खेतों में धनरोपनी का कार्य संपन्न हो चुका है. शेष बचे खेतों में भी किसान धनरोपनी के कार्य में जुटे हैं. उम्मीद है कि इस साल शत प्रतिशत खेतों में धनरोपनी का कार्य पूरा हो सकेगा. जिले में एक पखवारा पहले हुई बारिश और इसके बाद झारखंड सहित अन्य राज्यों में भारी बारिश के कारण विभिन्न नदियों में बाढ़ आने के कारण जिले की नदियों के अलावे ताल-तलैया, आहर, पोखर और पइन में पानी भरा है जिससे जो खेत पारित पड़ी हुई थी उनमें भी धान की रोपनी की जा रही है. जो खेत पहले से ही तैयार थे और केवल पानी के अभाव में रोपनी नहीं हो पा रही थी. वैसे खेतों में धनरोपनी का कार्य लगभग संपन्न हो गया है. जिले में इस वर्ष 53000 हेक्टेयर जमीन में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा गया था जिनमें से 97 प्रतिशत जमीन पर धनरोपनी का कार्य पूरा हो चुका है. इसके बाद अब अगर रूक-रूक कर सप्ताह में दो दिन भी बारिश हो जाए तो जिले में इस साल धान की बंपर फसल होने की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि वैसे किसान अभी भी जोर शोर से खेतों में धनरोपनी में लगे हैं जिनके खेत में रोपनी पूरी नहीं हुई है. वैसे किसानों के खेत में भी पानी जमा है और आराम से रोपनी हो रही है. जिले के ज्यादातर खेतों में धनरोपनी का कार्य अगस्त महीने में ही हुआ है. किसान रामप्रवेश सिंह का कहना है कि इस साल बारिश ने बड़ी मेहरबानी की है. समय पर बारिश होने तथा नदी, आहर, पोखर, तालाब और पाइन में पानी जमा हो जाने से धनरोपनी का कार्य काफी आसान हो गया. रही-सही कसर पिछले दो दिनों की बारिश में पूरी कर दी है। पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण ऐसा लग रहा था कि अब बची हुई रोपनी का काम करने के लिए मोटर पंप चलना पड़ेगा, लेकिन मंगलवार और बुधवार को ही बारिश ने वह कमी भी दूर कर दी है। अगर रोपनी के बाद बीच बीच में बारिश होती रहे तो इस साल बंपर पैदावार हो सकता है.
इधर खाद की दुकानों पर भी भीड़ लगनी शुरू हो गयी है. सबसे अधिक डीएपी खाद की बिक्री हो रही है. धनरोपनी के पहले डीएपी खाद खेतों में डाल कर धान रोपनी करने से पैदावार अच्छी होती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में और धान की रोपनी का कार्य अच्छा हुआ है. पिछले दो दिनों में हुई बारिश से इस कार्य में अच्छी खासी तेजी आयी है. अब तक जिले में 97 प्रतिशत भूमि में धान की रोपनी हो चुकी है. कुछ ही दिनों में शक प्रतिशत खेत में धान की रोपनी संपन्न हो जायेगी.
संभावना, जिला कृषि पदाधिकारी, जहानाबाद
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

