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आंधी-पानी में कई इलाकों में गिरे पोल, टूटा तार, पूरे जिले में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था चरमराई

जिले में गुरुवार को अपराह्न हुई आंधी और बारिश से जिले के कई हिस्सों में नुकसान होने की खबर है. आंधी-पानी के दौरान जिले के कई इलाकों में कहीं पोल गिर गये तो कहीं बिजली के तार टूट कर लटक गये हैं.

जहानाबाद. जिले में गुरुवार को अपराह्न हुई आंधी और बारिश से जिले के कई हिस्सों में नुकसान होने की खबर है. आंधी-पानी के दौरान जिले के कई इलाकों में कहीं पोल गिर गये तो कहीं बिजली के तार टूट कर लटक गये हैं जिसके कारण पूरे जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चल मार गयी है. शकुराबाद और भेलावर में 33 केबीए तार टूट कर गिर गये हैं, कई जगहों पर बिजली के पोल भी आंधी-पानी में उखड़ गये जिसके कारण दोनों इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप है. शकुराबाद इलाके में 33 केबीए पर पेड़ गिर गया जिसके कारण 33 केबीए तार टूट कर नीचे गिर पड़ा. वहीं ओकरी में 33 केबीए का पोल तालाब में गिर गया. शहर में भी कई इलाकों में कहीं पोल गिरे तो कहीं तार, कई जगहों पर बिजली के तार पर पेड़ के गिर जाने के कारण आपूर्ति व्यवस्था ठप हो गयी है. शहर के मलहचक में तार पर पेड़ गिर गया. यही हाल स्टेशन के निकट डीएम आवास के पास भी हुआ है. वहां पोल गिरने की भी खबर है. इसके अलावा इरकी से लेकर लोदीपुर कनौदी कई जगहों पर बिजली के तार पर पेड़ गिर गए हैं, रिलायंस के निकट भी 11000 केबीए का तार टूट कर गिर गया. तीन नंबर के इलाके में भी कई जगहों पर तार गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति ठप है. विद्युत कार्यपालिका अभियंता ने बताया कि कई जगह से तार क्षतिग्रस्त होने तो कहीं पर पोल गिरने और कहीं तार पर पेड़ गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है. शहर में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने का काम किया जा रहा है. इसमें कम से कम 3 घंटे का समय लग सकता है. इधर तेज आंधी और पानी के कारण कई गरीबों की झोंपड़ियां उजड़ गयी. फूस की बनी झोपड़ियां आंधी की मार से सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई हैं. कई झोपड़ियां की छत उड़ गयी हैं. कई मकानों में लगे स्टील के चादरें आंधी में उड़ गए. कई जगह पर मकान पर भी पेड़ गिरने की सूचना है जिसके कारण मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं. कई जगहों पर सड़क किनारे लगे होर्डिंग्स गिर गए हैं. पेड़ गिरने और सामानों के आंधी में उड़ने से कई लोगों को मामूली चोटें आयी हैं. हालांकि कई जगहों पर वज्रपात होने की भी सूचना मिली है लेकिन इसे जान माल होने की सूचना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.

आंधी-पानी के दौरान एक घंटे तक थम गया पूरा जिला

गुरुवार को अपराह्न करीब तीन बजे जब आंधी-पानी शुरू हुई तो पूरा जिला जैसे पैरालाइज्ड हो गया जो व्यक्ति जहां था वह वहीं छुपने के लिए कोई सुरक्षित स्थान ढूंढने लगा. सड़कों पर दौड़ रहे वाहन के छक्के अचानक थम गये. आंधी और पानी के बीच वाहन चालक का संतुलन गड़बड़ा गया, वह जहां पर थे वहीं पर अपनी गाड़ी को रोक कर आंधी-पानी से बचने का उपाय करने लगे. पूरे जिले की ट्रैफिक व्यवस्था करीब एक घंटे तक ठप रही. रोड पर चलने वाले पैदल यात्री भी आसपास के दुकानों में जाकर छुप गये. सड़कों पर कही पेड़ गिरकर टूट कर गिर रहे थे तो कहीं बिजली के तार टूट कर बीच सड़क पर गिर रहे थे. कहीं मकान पर लगे लोहे के करकट उड़ कर सड़क पर गिर रहे थे. कोई भी व्यक्ति सड़क पर या बाहर खुले में खड़ा रहने में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा था. कई बाइक सवार आंधी की तेज रफ्तार में असंतुलित होकर सड़क पर गिर पड़े.

बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना

आंधी के साथ तेज बारिश से लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है. बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया और ठंडी हवा चलने लगी जिसका लोगों ने खूब लुफ्त उठाया. कई जगहों पर लोगों ने बारिश में भींगकर इस का आनंद उठाया. हालांकि बारिश बहुत ज्यादा देर तक नहीं हुई लेकिन आधे घंटे की बारिश में ही लोगों को गर्मी से काफी निजात मिला. बारिश से पहले जिले के लोग गर्मी से जूझ रहे थे. बारिश के बाद गर्मी से तो छुटकारा मिला ही है, तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. पिछले 10 दिनों से जिले के लोग भीषण गर्मी झेल थे. जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेट के पास दर्ज किया जा रहा था. दोपहर में लोगों को लू के कहर का सामना करना पड़ रहा था. बारिश के बाद तापमान में गिरावट आयी है.

बारिश से गेहूं और रबी फसल को हुआ नुकसान

जिले में गुरुवार को आई आंधी पानी ने गेहूं और रबी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. ज्यादातर खेतों में गेहूं का फसल की कटनी अभी भी पूरी नहीं हो पायी है. पूरे जिले में गेहूं के फसल आंधी से भी कम कटी है. आंधी से अधिक गेहूं की फसल खेतों में ही पड़ी है, कहीं गेहूं खेत से कट कर खलिहान में आया है तो वह खलिहान में ही पड़ा है. इस बारिश से खेत और खलिहान में पड़े गेहूं के फसल के साथ-साथ चना और खेसारी के फसल को भी भारी नुकसान होने का अनुमान है. हालांकि चना और मसूर की अधिकांश फसल कटकर खलिहान और घरों में चली गयी है, इसलिए चना और मसूर के फसल के नुकसान की कम शंका है, किंतु गेहूं के फसल और खेसारी के फसल को भारी नुकसान हो सकता है. पानी से गेहूं के फसल में दाग लग जायेगा जिसके कारण किसान को उसका उचित मूल्य नहीं मिल पायेगा.

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