अरवल. पैक्स अध्यक्ष के परिणाम आ गया है. बुधवार को हुए चुनाव के बाद देर रात्रि के परिणाम कि घोषणा प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने निर्वाचन कि घोषणा की और निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र दी. सकरी पैक्स के चुनाव में नेहा कुमारी विजयी घोषित की गयी. नेहा कुमारी को 176, रंजन सिंह को 170, पूनम देवी को 132, संतोष कुमार को 117 मत प्राप्त हुए. 48 मत रद्द किए गए. वही प्यारेचक में पूर्व पैक्स अध्यक्ष धनेश कुमार निर्वाचित घोषित किए गए. धनेश कुमार को 588, सतीश कुमार को 244 और जय कुमार को 133 मत प्राप्त हुए. 66 मत रद्द किये गये. वही पखरपुर में सियामनी देवी और वासिलपुर में प्रवीण कुमार को पैक्स अध्यक्ष और सदस्य को निर्विरोध घोषित किया गया. सदस्य में मिथिलेश दास, लाल बाबू सिंह, ममता देवी कुमारी, अमृता कुमारी, कली देवी, उपेंद्र मिस्त्री, नीतू देवी, राजमनी देवी, सत्येंद्र सिंह, राजेश्वर सिंह, मनोज कुमार सदस्य के चुनाव में विजयी घोषित किये गये. सकरीपैक्स में रामकुमार पासवान, राजमनी देवी, तरुण सिंह, वीरेंद्र चौधरी, चंद्रभूषण शर्मा, विजेंद्र सिंह, मुन्ना कुमार, पल्ल्वी कुमारी निर्वाचित घोषित की गयी. ओडीएफ के बावजूद सड़क किनारे शौच की समस्या बनी गंभीर चुनौती हुलासगंज. स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुलासगंज प्रखंड को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किए जाने के बाद भी कई गांवों में सड़क किनारे खुले में शौच की समस्या बनी हुई है. सुकियावां मुसहरी और मोकिमपर गांव के आसपास लोग अभी भी सड़क किनारे शौच के लिए मजबूर हैं, जिससे ग्रामीणों, खासकर साइकिल या पैदल चलने वालों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. नरमा, सुखियावां, गिंजी और आसपास के गांवों के निवासियों का कहना है कि सड़क किनारे शौच की वजह से दुर्गंध और गंदगी फैल रही है, जिससे आवागमन में दिक्कतें बढ़ गयी हैं. ग्रामीणों का मानना है कि स्वच्छता अभियान का असर अब धरातल पर दिखाई नहीं देता और कई जगहों पर शौचालयों की कमी या उनके अनुपयोगी होने के कारण लोग मजबूरी में खुले में शौच करने को विवश हैं. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बीडीओ स्वाति कुमारी ने सभी पंचायत मुखियाओं को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करने के साथ ही शौचालयों के रख-रखाव और नये निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जायेंगे. स्वच्छता सिर्फ सरकारी पहल नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है. यदि ग्रामीण समुदाय जागरूक होकर स्वच्छता को प्राथमिकता दें और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करें, तो इस समस्या से जल्द ही निजात पायी जा सकती है. सरकार की मंशा और जनता की भागीदारी से ही हुलासगंज को वास्तव में स्वच्छ और स्वस्थ बनाया जा सकता है.
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