अरवल.
अरवल जिले के विद्यार्थियों को अब केंद्रीय विद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार ने जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दे दी है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. प्रारंभिक तौर पर केंद्रीय विद्यालय की एक अस्थायी इकाई जिले में शुरू की जा रही है. इसके लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन की टीम ने जिले के विभिन्न प्लस टू उच्च विद्यालयों का निरीक्षण किया और वहां की सुविधाओं, शिक्षण व्यवस्था तथा परिवेश का आकलन किया. मूल्यांकन के आधार पर इटवां उच्च विद्यालय को अस्थायी इकाई के संचालन के लिए उपयुक्त पाया गया है. इस विद्यालय के 6 कक्षाओं का उपयोग कर केंद्रीय विद्यालय की इकाई चलायी जायेगी. इस पूरी प्रक्रिया में जिला पदाधिकारी कुमार गौरव की भूमिका निर्णायक रही है. डीएम स्वयं विद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं और उन्होंने केंद्रीय विद्यालय टीम को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उनकी पहल से जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया को गति मिली है.
स्थायी भवन के लिए झिकटिया में भूमि चयनित : केंद्रीय विद्यालय के स्थायी भवन निर्माण के लिए 8 से 10 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है. इसके अंतर्गत स्कूल भवन के साथ-साथ प्रशासनिक भवन, स्टाफ क्वार्टर, छात्रावास, खेल मैदान आदि का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए करपी प्रखंड के झिकटिया गांव में पर्याप्त भूमि का चयन कर लिया गया है. डीएम ने बताया कि भूमि का निरीक्षण किया जा चुका है और सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। अब कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा. केंद्रीय विद्यालय संगठन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है और इसके सभी विद्यालय सीबीएसइ से संबद्ध होते हैं. यह विद्यालय खासकर केंद्र सरकार के स्थानांतरित कर्मियों के बच्चों को समान शिक्षा देने के उद्देश्य से स्थापित किए जाते हैं। अरवल में केंद्रीय विद्यालय खुलने से स्थानीय बच्चों को भी राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. यह पहल जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी.
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