करपी
. बेलखरी गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राम प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि अच्छे विचार से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है. मनुष्य को सदा अपने अंदर अच्छा विचार लाना चाहिए. जबकि कुविचार से मनुष्य को सदा असफलता का सामना करना पड़ता है. स्वामी जी ने कहा कि जो लोग पैसे वाले होते हैं वह अपने बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसके कारण बच्चे कुसंगति में पड़ जाते हैं और उसी दिन से पतन का मार्ग भी प्रशस्त हो जाता है. झूठे सुख की चाह में लोग अकूत संपत्ति अर्जित करने में लग जाते हैं. वास्तव में उन्हें सच्चा सुख नसीब नहीं हो पाता है. समय के बदलते परिवेश में लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर मुड़ गए हैं. यह रास्ता मनुष्य को पतन के रास्ते पर ले जाता है क्योंकि अपना सच्चा सुख मनुष्य खो देता है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि सही रास्ते पर चलें. संतोष के साथ सुख भी मिलेगा. स्वामी जी ने भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भगवान ने बाल्यावस्था में ही कई राक्षसों को मार दिया. इनकी बाल लीला अत्यंत मनोहारी है. इसका जितना भी वर्णन किया जाए वह कम है. स्वामी जी ने कंस वध तक की कथा विस्तार से सुनाई. स्वामी श्री हरेरामाचार्य जी ने इसके पूर्व श्रीमद्भागवत गीता तथा रामायण के कई प्रसंगों का उल्लेख कर श्रद्धालुओं को विभोर कर दिया.
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