जहानाबाद.
जिले में रविवार को झूमटा पर्व मनाया गया. इस अवसर पर निकाले जाने वाली झूमटा के जुलूस की परंपरा अब लगभग समाप्ति के कगार पर है, इसकी जगह नए युवकों के मटका फोड़ कार्यक्रम ने ले ली है. अब जहानाबाद शहर से लेकर विभिन्न गांव देहात में झूमटा के जुलूस की जगह विभिन्न चौक-चौराहा पर मटका फोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. झूमटा के अवसर पर रविवार को भी जहानाबाद शहर के सदर अस्पताल गेट, मलहचक मोड़, पंचमहल्ला, गिलानपर, काको मोड़, ऊंटा मोड़, राजाबाजार सहित शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर मटका फोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर युवाओं की टोलियों ने मुंबई के गोविंदाओं की तर्ज पर मटका खोलने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
महिलाओं ने भी मटका फोड़ने के कार्यक्रम में लिया भाग : मलहचक में महिलाओं ने भी अलग से मटका फोड़ने का कार्यक्रम का आयोजन कर उसमें जोर-शोर से हिस्सा लिया. इस जगह पर हर वर्ष महिलाओं के द्वारा अलग से मटका फोड़ने का कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें केवल महिलाएं ही शामिल होती हैं. शहरी क्षेत्र के अलावा विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी मटका फोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर कई गोविंदा की टोलियां के द्वारा मटका फोड़ने के बाद पुरस्कार की भी घोषणा की गयी थी. मटका फोड़ने की इस कार्यक्रम में ऊंचे स्थान पर दही हांडी के मटके को टांग कर युवाओं की टोलियां के द्वारा पिरामिड बनाकर मटके तक पहुंच कर उसे फोड़ा गया. इस बीच नीचे खड़ी युवाओं की टोली पिरामिड बनाकर मटका तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे युवकों के ऊपर पानी का बौछार कर रही थी जिसके कारण मटका फोड़ने में लगे युवा बार-बार मानव बल निर्मित पिरामिड से नीचे गिर जा रहे थे. इस बीच वहां ढोल मंजीरे के साथ कहीं होली के गीत गाए जा रहे थे तो कहीं डीजे के दोनों पर युवाओं की टोलियां थिरक रही थीं. इसी गाना भजन और गीत नृत्य के बीच विभिन्न जगहों पर मटका फोड़ने का कार्यक्रम संपन्न किया गया. इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम स्थलों के आसपास पुलिस बल की बड़ी तैनाती की गई थी ताकि कोई लड़ाई झगड़ा या अनहोनी की घटना न हो.
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