अरवल. 11 सूत्री मांग को लेकर आशा ने सिविल सर्जन का घेराव किया. बिहार राज्य आशा फैसिलेटर संघ गोप गुट के बैनर तले आशा ने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. इस दौरान आशा फैसिलेटर संघ के नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद सरकार आशा कार्यकर्ता जो हेल्थ सेक्टर को सबसे ऊंचाई पर पहुंचाई लेकिन सरकार इन्हें कुछ नहीं देती है. जिस तरह से 24 घंटे आशा कार्यकर्ता काम करती है उसे हिसाब से कुछ नहीं दिया जाता है. महंगाई के दौर में इन आशा कार्यकर्ताओं को घर से लेकर बाहर तक के आर्थिक तंगी से झेलना पड़ता है. 1000 रुपये का एक गैस सिलिंडर मिलता है. लेकिन सरकार में 1000 रुपये पारितोषिक देती है. कोरोना में काम की आशा कार्यकर्ता लेकिन इन्हें पैसा भी नहीं दिया गया है. दुनिया के तीसरे आर्थिक देश बनाने की बात करते हैं मोदी सरकार लेकिन आशा कार्यकर्ता को कुछ नहीं दिया जाता है. हेल्थ के सेक्टर में आशा कार्यकर्ता पूर्ण रूप से सहयोग के बदौलत थी भारत में स्वास्थ्य सुविधा मिल रहा है. आशा कार्यकर्ता हेल्थ के बारे में जानकारियां उपलब्ध कराते लेकिन सरकार पूंजीपतियों की दे रही है.
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