रतनी. प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि कार्यालय परिसर में गुरुवार को किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया. संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के महत्व, लाभ और इससे जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था. कार्यक्रम की शुरुआत में किसानों को रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव और जैविक खेती के फायदों से अवगत कराया गया.
प्रखंड कृषि पदाधिकारी हारून रशीद ने कहा कि जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है और इससे उत्पन्न फसलें स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी होती हैं. उन्होंने जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद और जैविक कीटनाशकों के उपयोग से उत्पादन लागत कम होने और मिट्टी की सेहत बेहतर होने की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने किसानों को जैविक खेती से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं, अनुदान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में बताया और सरकार की तकनीकी एवं आर्थिक सहायता पर प्रकाश डाला.
संगोष्ठी में किसानों ने अपनी समस्याएं और अनुभव साझा किये, जिनका समाधान मौके पर कृषि कर्मियों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में किसानों की सक्रिय भागीदारी रही. अंत में कृषि विभाग ने किसानों से अपील की कि वे जैविक खेती को अपनाकर अपनी आय बढ़ाएं और पर्यावरण संरक्षण तथा स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

