जहानाबाद.
होली के अवसर पर देश भर में काम करने वाले जिले के कामगार अपने-अपने घर लौट रहे हैं जिसके कारण इन दिनों पटना-गया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में भीड़ काफी बढ़ गयी है. पटना और गया से जहानाबाद आने वाली ट्रेन इन दोनों खचाखच भरी हुई रह रही है. हाल यह है कि ट्रेनों में तिल रखने की भी जगह नहीं मिल रही है. पटना-गया रेलखंड पर मेगा ब्लॉक खत्म होने के बाद जहानाबाद से पटना अथवा गया जाने वाली ट्रेनों में तो जगह मिल रही है किंतु पटना और गया से जहानाबाद आने वाली ट्रेनों में काफी भीड़ की वजह से बैठने की तो दूर खड़ी होने की जगह नहीं मिल रही है. हालांकि मेगा ब्लॉक के दौरान तो जहानाबाद से पटना और गया जाने के वाली ट्रेनों में भी काफी भीड़ हुआ करती थी. फिलहाल होली की वजह से परदेसियों के घर लौट के कारण पटना और गया से आने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ है. हाल यह है कि बैठने वाली सीट के अलावा ट्रेन के अंदर सामान रखने वाले सीट के ऊपर करियर पर भी लोग बैठे रहते हैं, उसके बाद आने-जाने वाले रास्ते और दोनों सीट के बीच वाली जगह में भी लोग खड़े हो कर यात्रा कर रहे हैं. दोनों ओर की सीटों के बीच और आने-जाने वाले रास्ते के अलावा शौचालय और गेट के आसपास भी यात्रियों के खचाखच भरे होने के कारण लोगों के लिए ट्रेन पर चढ़ना भी मुश्किल हो रहा है. जो लोग किसी प्रकार ट्रेन के अंदर प्रवेश कर जाते हैं. यात्रियों की भीड़ के बीच ट्रेन के अंदर सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. गेट पर भी बहुत सारे यात्री लटके होते हैं जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. पटना स्टेशन से जहानाबाद की ओर आने वाली ट्रेन के रुकने वाले प्लेटफार्म संख्या आठ, नौ और दस तथा गया से जहानाबाद की ओर आने वाली ट्रेनों के रुकने वाले प्लेटफार्म संख्या छह और सात पर इतनी भीड़ होती है कि जैसे ही डाउन ट्रेन पटना या अप ट्रेन गया पहुंचती है वहां पहले से प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री ट्रेन पर चढ़ने के लिए टूट पड़ते हैं. इनमें ज्यादा संख्या वैसे लोगों की होती है, जो देश के विभिन्न भागों से होली पर के अवसर पर अपने-अपने घर लौट रहे हैं, जिसके कारण ट्रेन से उतरने वाली यात्रियों को भी काफी कठिनाइयों सामना करना पड़ता है. भीड़ इतनी होती है कि एक ट्रेन खचाखच भर जाने के बाद भी बहुत सारे पैसेंजर प्लेटफार्म पर रह जाते हैं, वह ट्रेन पर नहीं चढ़ पाते. इनमें महिलाओं और बच्चे तथा बुजुर्गों की संख्या ज्यादा होती है. खासकर महिला बच्चा बुजुर्ग के साथ यात्रा कर रहे लोगों को इन दिनों पटना और गया से ट्रेन पर चढ़ने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. गया से जहानाबाद आ रहे अजय कुमार ने बताया कि मेगा ब्लॉक खत्म होने के बाद उन्होंने सोचा था कि अब ट्रेनों पर भीड़ कम होगी किंतु राज्य से बाहर कमाने जाने वाले जहानाबाद जिले के परदेसी लोगों के होली पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में घर लौटने वालों की भीड़ की वजह से ट्रेनों पर पहले जैसा ही हाल है. कभी-कभी तो हाल उससे भी बुरा हो जाता है. ज्ञात हो कि जहानाबाद जिले के विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में युवा लोग कमाने के लिए दूसरे राज्यों और प्रदेशों में जाते हैं. जिले के युवा ज्यादातर गुजरात, सूरत, बैंगलोर, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, भोपाल, इंदौर, वाराणसी के अलावा और प्रदेश यहां तक की जम्मू कश्मीर तक में मजदूरी करने के लिए जाते हैं. ये लोग साल में काम से कम दो बार एक होली के समय और दूसरा दीपावली के बाद छठ पर्व के पहले अपने-अपने घर जरूर लौटते हैं. ऐसे में बिहार के इन दोनों प्रमुख पर्व के समय दूसरे प्रदेश में काम करने वाले बिहार के अधिकांश परदेसी के अपने घर लौट के कारण ट्रेनों में भीड़ बहुत बढ़ जाती है. इन मजदूर वर्ग के लोगों के अलावा बड़े शहरों में विभिन्न कंपनियों में इंजीनियर, मैनेजर सहित अन्य पदों पर काम करने वाले बिहार के लोगों की भी बड़ी संख्या है जिनमें जहानाबाद जिले के भी बड़ी संख्या में लोग उच्च पदों पर भी बाहर में नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोग भी पर्व के अवसर पर अपने परिजनों से मिलने और उनके साथ होली खेलने घर आ रहे हैं, जिसके कारण विभिन्न प्रदेशों से पटना और गया आने वाली ट्रेनों के साथ-साथ गया और पटना से जहानाबाद आने वाली ट्रेनों में भी भीड़ काफी बढ़ गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है