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Jehanabad : मशरूम उत्पादन से किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आय

मशरूम उत्पादन कर जिले के किसान अपनी आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर सकते हैं. झोपड़ी में मशरूम की खेती कर किसान समृद्ध बन सकते हैं. इसके लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर घर या बाहर झोपड़ी लगाकर मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है.

अरवल. मशरूम उत्पादन कर जिले के किसान अपनी आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर सकते हैं. झोपड़ी में मशरूम की खेती कर किसान समृद्ध बन सकते हैं. इसके लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर घर या बाहर झोपड़ी लगाकर मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है. जिले में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिला कृषि विभाग के उद्यान शाखा द्वारा सभी प्रखंडों के चयनित किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है. मशरूम की खेती के प्रति किसानों और युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. अच्छी आमदनी होने के कारण मशरूम उत्पादकों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है. इसी को देखते हुए उद्यान विभाग ने मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की है. इसके तहत इच्छुक किसानों के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण शुरू किया जायेगा, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गयी है. जिला उद्यान पदाधिकारी राहुल रंजन ने बताया कि छोटे जोत वाले किसान, भूमिहीन किसान और बेरोजगार युवाओं के लिए मशरूम की खेती रोजगार का बेहतर साधन बन सकती है. उन्होंने कहा कि बागवानी मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया जायेगा और प्रशिक्षण पूरा करने वाले किसानों को प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराया जायेगा. इच्छुक व्यक्ति अपने घर या बाहर झोपड़ी बनाकर भी मशरूम उत्पादन कर सकते हैं. किसानों को मिलेगा 90 प्रतिशत तक अनुदान मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. सहायक निदेशक उद्यान ने बताया कि यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में वरदान साबित होगी. किसान झोपड़ी में मशरूम की खेती कर सकते हैं. वहीं प्लास्टिक मल्चिंग और शेडनेट हाउस में मशरूम उत्पादन पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने मशरूम खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. प्रशिक्षित किसानों को अनुदानित दर पर मशरूम किट उपलब्ध करायी जा रही है. जिले के करपी, राजा बिगहा और बंशी के किसान झोपड़ी में मशरूम उत्पादन कर रहे हैं. झोपड़ी में मशरूम उत्पादन के लिए करीब 1500 वर्गफुट क्षेत्र में संरचना तैयार की जाती है, जिसकी लंबाई लगभग 50 फीट, चौड़ाई 30 फीट और ऊंचाई 12 फीट होती है. झोपड़ी निर्माण पर करीब पांच लाख रुपये तक खर्च आता है, जिसमें 75 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है. जिला उद्यान कार्यालय में करना होगा आवेदन सरकार द्वारा संचालित मशरूम उत्पादन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों का प्रशिक्षित होना आवश्यक है. प्रशिक्षित किसान ही इस योजना के पात्र होंगे. किसानों को ऑनलाइन आवेदन के दौरान जमीन की अद्यतन रसीद, किसान पंजीयन रसीद, आधार कार्ड तथा फोटो संलग्न करना अनिवार्य होगा. क्या कहते हैं पदाधिकारी जिले में झोपड़ी में मशरूम उत्पादन के लिए कुल पांच यूनिट स्थापित की जानी हैं. फिलहाल कुर्था, करपी और बंशी में झोपड़ी के माध्यम से मशरूम उत्पादन किया जा रहा है. राहुल रंजन, जिला उद्यान पदाधिकारी, अरवल

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