कुर्था. कुर्था प्रखंड के प्राचीन सूर्य मंदिर धाम में विवाह का सीजन जोरों पर है यहां हर दिन दर्जनों नवयुगल वैदिक रीति-रिवाजों के साथ परिणय सूत्र में बंध रहे हैं यह स्थल अब ‘चट मंगनी पट ब्याह’ की कहावत को साकार करता नजर आ रहा है. लग्न के इस मौसम में प्रखंड के विभिन्न गांवों और बाजारों में शादी-ब्याह का उत्सवपूर्ण माहौल बना हुआ है खासकर सूर्य मंदिर धाम में बिना अधिक तामझाम के, सादगीपूर्ण ढंग से विवाह हो रहे हैं इस पावन स्थल पर पं. सतीश उपाध्याय द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिदिन दर्जनों शादियां करायी जा रही हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले शादियों में आठ-दस दिन तक रस्में चलती थीं, जिसमें रिश्तेदार दूर-दराज से आते थे और पूरे रीति-रिवाज निभाये जाते थे, लेकिन अब समय की कमी के कारण लोग सादगी को प्राथमिकता दे रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि ऐसी त्वरित शादियों से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होता है वर्तमान में लोग औपचारिकताओं की बजाय वैदिक परंपराओं और सरलता को अधिक महत्व दे रहे हैं. सूर्य मंदिर धाम इस बदलती सोच का प्रतीक बन चुका है, जहां आस्था, परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिल रहा है.
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