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Jejanabad News : सुंदरकांड पाठ में पांच हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल

गांधी मैदान की धरती एक बार फिर भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठी, जब ऐतिहासिक गांधी मैदान में सुमंगलम का भव्य आयोजन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ.

जहानाबाद नगर. गांधी मैदान की धरती एक बार फिर भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठी, जब ऐतिहासिक गांधी मैदान में सुमंगलम का भव्य आयोजन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ. सुबह से ही शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की टोलियां गांधी मैदान की ओर बढ़ती दिखायी दीं. कोई दूर-दराज के गांवों से आया था तो कोई शहर के मुहल्लों से, लेकिन सभी की मंजिल एक ही थी राम नाम के सान्निध्य में स्वयं को समर्पित करना और हजारों लोगों के साथ सुंदरकांड पाठ करना. लगातार पिछले 10 वर्षों से सुमंगलम का आयोजन किया जा रहा है, जिसने अब जहानाबाद की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान का रूप ले लिया है. वहीं गांधी मैदान के उत्तरी छोर पर स्थित रामायण मंदिर में अनवरत चल रहे अखंड रामचरितमानस पाठ और राम नाम संकीर्तन के साथ अखंड ज्योति का इस वर्ष सात वर्ष पूर्ण हो गये हैं. इन वर्षों में यह अखंड अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक चेतना और सामूहिक साधना का सशक्त प्रतीक भी सिद्ध हुआ है. श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव और सामूहिक एकता के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे माहौल अत्यंत आध्यात्मिक और प्रेरणादायक बन गया.

हजारों कंठों से एक साथ गूंजा सुंदरकांड का श्लोक :

सुमंगलम महाआयोजन में पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने एक साथ सामूहिक सुंदरकांड पाठ में भाग लिया. लयबद्ध स्वर, एकरूप ताल और भक्ति से ओतप्रोत वातावरण ने गांधी मैदान को मानो एक विशाल साधना स्थल में परिवर्तित कर दिया. जय सियाराम और राम-राम के उद्घोष से पूरा परिसर गूंज उठा. श्रद्धालुओं के चेहरों पर शांति, उल्लास और आध्यात्मिक तृप्ति स्पष्ट झलक रही थी. स्वामी हरेरामाचार्य जी का प्रेरक आशीर्वचन : इस पावन अवसर पर हुलासगंज स्थान के मठाधीश स्वामी हरेरामाचार्य जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन प्रदान किये. उन्होंने कहा कि जहानाबाद में अनवरत चल रहा यह अखंड अनुष्ठान उनके चित्त को सदैव अपनी ओर आकर्षित करता है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैंने पूरे भारतवर्ष में अनेक स्थानों पर भ्रमण किया है, परंतु इस प्रकार का अखंड रामायण पाठ एवं अखंड नाम संकीर्तन अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता. यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामूहिक साधना और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण है. स्वामी जी ने इस अनवरत साधना के लिए पूरे जहानाबाद को धन्यवाद का पात्र बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है.

आयोजकों को संतों का स्नेह और आशीर्वाद :

स्वामी हरेरामाचार्य जी महाराज ने सुमंगलम परिवार के प्रति विशेष स्नेह प्रकट करते हुए आयोजक राकेश जी को इस सुंदर और अनुकरणीय आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा उन्हें स्नेहपूर्ण आशीर्वाद प्रदान किया. उन्होंने कहा कि निरंतरता,अनुशासन और निःस्वार्थ भाव से किया गया यह आयोजन आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्वरूप ग्रहण करेगा.

पर्व का रूप ले चुका है सुमंगलम :

सुमंगलम कार्यक्रम की लोकप्रियता प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है. लगातार दस वर्षों की इस यात्रा में यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम न रहकर एक पर्व का स्वरूप ले चुका है, ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम ने हर वर्ग, हर आयु और हर पृष्ठभूमि के लोगों को एक सूत्र में पिरो दिया. यह आयोजन के स्वरुप को इसी से पता चलता है कि श्रद्धालुओं को इस आयोजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. आयोजक और आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर जी के शिष्य राकेश जी ने मंच से उपस्थित संतों, अतिथियों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सुमंगलम का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान कराना नहीं, बल्कि समाज में शांति, सद्भाव और सकारात्मकता का विस्तार करना है.

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