जहानाबाद नगर. वर्ष 2023 में 33 दिनों की हड़ताल के बाद बिहार सरकार और आशा कर्मियों के बीच हुए समझौते के दो वर्ष बीत जाने के बावजूद मांगें पूरी नहीं करने पर वादाखिलाफी का आरोप लगा आशा कर्मियों ने मंगलवार को राज्य संघ के निर्णय के अनुसार अस्पताल मोड़ से कारगिल चौक तक प्रतिवाद मार्च निकाला, जिसका नेतृत्व संघ के जिला सचिव सुनीता भारती तथा जिला अध्यक्ष सुषमा कुमारी कर रहे थे. सैकड़ों की संख्या में आशा कर्मी सरकार के विरोध एवं 2023 में हुए संघ के साथ समझौता को लागू करने सहित साफ सूत्री मांग पूर्ति के लिए नारा लगा रहे थे. कारगिल चौक पर सभा को संबोधित करते हुए सुनीता भारती ने कहा कि राज सरकार 2023 में 32 दिवसीय हड़ताल के क्रम में आशा कार्यकर्ता फैसिलिटेटर के मासिक मानदेय राशि 1000 को बढ़ाकर 2500 करने का लिया गया था, जिसे करीब 2 साल बीतने पर भी लागू नहीं किया गया है जिससे आशा कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है तथा सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का फैसला लिया. आगे उन्होंने कहा कि 17 सूत्री मांगों की पूर्ति के लिए 25 मई तक हड़ताल का निर्णय लिया गया है. पिछले 6 माह से लंबित मानदेय का भुगतान भी अविलंब निर्गत करने की मांग की. राज्य सरकार स्कीम वर्कर यानी आशा, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, रसोईया अनुबंध मानदेय पर कार्यरत कर्मियों के साथ शोषण दोहन कर रही है. सभा को वीणा कुमारी, रेशमा कुमारी, चंचल कुमारी, मीना देवी, पिंकी कुमारी, श्यामसुंदरी देवी, नीलम थथकुमारी, गीता कुमारी, अनु देवी सहित काफी संख्या में आशा फैसिलिटेटर उपस्थित थे.
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