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आशंका . शहर की सड़कों पर चलना दूभर, कभी भी हो सकता है हादसा

शहर में अतिक्रमण दिनों दिन नासूर बनता जा रहा है जिसकी पीड़ा से प्राय: हरेक तबके के लोग कराह रहे हैं. कोई भी चौक-चौराहा ऐसा नहीं जो अतिक्रमण से मुक्त हो. हालात दिनों दिन जटिल होते जा रहे हैं. जहानाबाद : करीब तीन किलोमीटर के दायरे में फैले जहानाबाद शहर में प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण […]

शहर में अतिक्रमण दिनों दिन नासूर बनता जा रहा है जिसकी पीड़ा से प्राय: हरेक तबके के लोग कराह रहे हैं. कोई भी चौक-चौराहा ऐसा नहीं जो अतिक्रमण से मुक्त हो. हालात दिनों दिन जटिल होते जा रहे हैं.

जहानाबाद : करीब तीन किलोमीटर के दायरे में फैले जहानाबाद शहर में प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान कई बार चलाया गया. अभियान का असर दो चार दिनों तक ही प्रभावी रहा. उसके बाद वही स्थिति ढाक के तीन पात हो गयी. कहने का मतलब है कि अतिक्रमणकारियों ने अपनी आदत के अनुरूप फिर से अवैध कब्जा कर,
अतिक्रमण का दायरा और बढ़ा दिया. उसके मनोबल इतने बढ़ गये हैं कि एनएच के अलावा मेन रोड के सड़कों पर और अधिक संख्या में दुकानें लगाकर सड़कों को संकीर्ण कर दिया गया. अब तो स्थिति ऐसी हो गयी है कि सुबह सात बजे से ही सड़कों पर विभिन्न तरह की दुकानें सज जाती हैं. इस कारण लगातार जाम लग जा रहा है
जिसमें फंसकर अधिकारी हों या आम आदमी, छोटे-बड़े वाहन चालक हों या स्कूली बच्चे या हों पैदल चलने वाले राहगीर, सभी जाम की पीड़ा से परेशान हैं. ये दोनों स्थान शहर के प्रमुख स्थानों में शामिल हैं. जहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. पटना-गया एनएच 83 रहने के कारण रोज बाहरी इलाके से भी वाहनों का आवागमन होता है. अरवल मोड़ से पश्चिम एनएच 110 गुजरती है. इस कारण यहां पर वाहनों के आवागमन का तीनतरफा दबाव रहता है,
लेकिन अरवल मोड़ पर सड़क पर ही सब्जी विक्रेता के अलावा ठेले चलाने वालों का कब्जा है. इस कारण सड़क अत्यंत संकीर्ण हो जाने की बजह से रोज रूक रूककर जाम लग जाता है. दरधा पुल से दक्षिण एसबीआइ के समीप इन दिनों एक नयी समस्या उभरी हुई है. कबाड़ी संचालकों ने एनएच के पूर्वी भाग को कबाड़खाने में तबदील कर दिया है. सड़क पर भारी मात्रा में कबाड़ी के सामान फैलाकर धंधा किया जा रहा है जिस पर कार्रवाई नहीं होने से जाम की समस्या है.
वैसे तो स्टेशन रोड में अतिक्रमण का साम्राज्य वर्षों से कायम है, लेकिन हाल के दिनों में इसका दायरा और बढ़ा दिया गया है. पूर्व में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान फिर से बेअसर साबित हो रहा है. सड़क के दोनों किनारे फुटपाथ पर तो कब्जा है ही सड़क पर भी सब्जी मंडी बसाकर दुकानों की संख्या बढ़ा दी गयी है. इसके अलावा छोटे-छोटे दुकानदार भी अपना धंधा ठेले पर फैला रखा है. परिणाम यह है कि सड़क जानलेवा बन गयी है. पूर्व में उक्त स्थान पर दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो चुकी है. आक्रोशित लोगों ने ट्रक को इसलिए फूंक दिया था कि उससे कुचलकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी.
सड़क पर अतिक्रमण किये जाने के कारण उक्त दुर्घटना हुई थी. वर्तमान स्थिति यह है कि अवैध कब्जे के कारण सड़क संकीर्ण हो गया है कभी भी दुर्घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है.
शहर का हृदय स्थल कहलाने वाला मेन रोड भी अतिक्रमण से अछूता नहीं है. उंटा मोड़ से लगातार मलहचक मोड़, पंचमहला मोड़, पाठकटोली मोड़, सट्टीमोड़, थाना रोड, पीली कोठी तीनमुहानी, सब्जीमंडी मोड़ ये सारे स्थान ऐसे हैं जो अतिक्रमणकारियों की चपेट में है. एक तो मेन रोड की हालत काफी संकीर्ण है और ऊपर से लगातार सड़क पर दुकानें सजा दिये जाने से पैदल चलना भी लोगों का दुश्वार हो जाता है. स्थिति इस कदर गंभीर हो जाती है कि एक छोटे वाहन के प्रवेश करने पर बाजार में महाजाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.शहर का एक प्रमुख व्यावसायिक व आवासीय इलाका है राजा बाजार.
जहां प्रतिदिन जाम लगना आम बात है. कारण है रेलवे अंडरपास की समस्या और सड़क पर अतिक्रमण. राजा बाजार में सड़क पर अवैध पार्किंग के साथ-साथ कई तरह के कारोबार किये जाने से लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. इस इलाके में कई शैक्षनिक संस्थान हैं जाम लग जाने पर स्कूली बच्चे बिलबिलाते नजर आते हैं. बुधवार को बाजार समिति में गेहूं से लदे ट्रकों के जाने के कारण लंबा जाम लग गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई.
क्या कहते हैं अधिकारी
शीघ्र ही शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान सघन रूप से चलाया जायेगा. एनएच को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जायेगा. टेंपो चालकों के द्वारा अवैध पार्किंग किये जाने पर लगाम लगाया जायेगा. उलंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध कारवायी की जायेगी .
डाॅ नवल किशोर चौधरी, एसडीओ जहानाबाद
सभी प्रमुख स्थानों पर दिनों दिन बढ़ता जा रहा अवैध कब्जे का दायरा
एनएच 83 के आगे िकया गया अितक्रमण.
सख्त अभियान चलाने की है जरूरत
इस शहर की स्थिति सुधारने के लिए प्रशासनिक स्तर से सख्त अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है. पूर्व के दिनों में दो तीन बार अनुमंडल प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था तब जाम की स्थिति में काफी सुधार हुआ था. सड़क पर फैलाये गये धंधे समाप्त किये गये थे. इस अभियान से सड़कें चौड़ी दिखी थी. लोगों को हो रही परेशानी से काफी निजात मिली थी, लेकिन यह स्थिति महज कुछ ही दिनों तक सीमित रहा.
दो चार दिनों के बाद स्थिति पूर्व जैसी ही नहीं हो गयी बल्कि उससे बढ़ चढ़कर अतिक्रमणकारियों ने अपने पांव पसार लिये. ऐसी हालत में यहां जरूरत महसूस की जा रही है प्रशासन के द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने की.

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